Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम धमाके केस से बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए "मजबूर" किया गया था। उन्होंने दावा किया कि ऐसा न करने पर उन्हें "बहुत प्रताड़ित" किया गया। उन्होंने रविवार को कहा, "हाँ, मुझे मजबूर किया गया था। मैंने दबाव में आकर किसी का नाम नहीं लिया, किसी को झूठा नहीं फंसाया...इसलिए, मुझे बहुत प्रताड़ित किया गया।"
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने पहले कहा था कि उन्होंने लिखित में बताया है कि मालेगांव विस्फोट मामले की जाँच के दौरान किन लोगों के नाम लेने के लिए उन्हें मजबूर किया गया था। उनकी यह टिप्पणी उस समय आई है जब कुछ दिन पहले ही उन्हें और छह अन्य लोगों को इस मामले में एक विशेष एनआईए अदालत ने बरी कर दिया था।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मालेगांव मामले में अदालत का फैसला "भगवा, सनातन और राष्ट्र" की जीत का प्रतीक है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "भगवा, सनातन और राष्ट्र की विजय हुई है। मुझे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं भविष्य में भी देश के लिए हर संभव प्रयास करती रहूँगी।"
मीडिया को दिए अपने हालिया बयान में साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "...भगवा आतंकवाद कहने वालों के मुँह काले हुए हैं। समाज और देश ने उन्हें करारा जवाब दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "अदालत का फैसला बिल्कुल स्पष्ट है। यह उन लोगों के मुँह पर तमाचा है जिन्होंने इसे 'भगवा आतंकवाद' कहा था...उन्होंने इसे पहले भी 'भगवा आतंकवाद' और 'हिंदू आतंकवाद' कहा था। महाराष्ट्र के चव्हाण (पृथ्वीराज चव्हाण) ने 'सनातन आतंकवाद' और 'हिंदुत्व आतंकवाद' पर बात की है। वे उसी श्रेणी के लोग हैं। वे सभी कांग्रेस के सदस्य हैं।"
उन्होंने कहा कि सत्य की जीत हुई है। भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, "धर्म और सत्य हमारे पक्ष में थे, इसलिए हमारी जीत निश्चित थी। सत्यमेव जयते! मैंने यह पहले भी कहा था और यह अब सिद्ध हो गया है... देश हमेशा धर्म और सत्य के साथ रहा है और हमेशा रहेगा।"