लाइव न्यूज़ :

हाइवे बना किसानों के लिये नया घर, न ठंड की चिंता न कोरोना वायरस का डर

By भाषा | Updated: December 5, 2020 16:55 IST

Open in App

(अंजलि पिल्लई)

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली की टीकरी बॉर्डर किसी पिंड (गांव) की तरह दिखाई दे रहा है। कहीं ट्रैक्टरों पर तंबू लगे हैं, तो कहीं खाना बनाने के लिये सब्जियां काटी जा रही हैं। कहीं सौर ऊर्जा पैनलों से मोबाइल चार्ज किये जा रहे हैं तो कहीं चिकित्सा शिविर लगे दिखाई दे रहे हैं।

यहां अधिकतर किसान पड़ोसी राज्य पंजाब से आए हैं, जो केन्द्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

पंजाब के मनसा जिले से आए 50 वर्षीय गुरनाम सिंह कहते हैं, ''निकट भविष्य में यही हमारा घर बनने वाला है क्योंकि यह लड़ाई लंबी चलने वाली है। हम यहीं डटे रहेंगे।''

उन्होंने कहा, ''हमारे पास हर चीज काफी मात्रा में है। कम से कम छह महीने का पर्याप्त राशन-पानी है।''

नौ दिन पहले दिल्ली की सीमा पर पहुंचे ये किसान तब से हर दिन लंगर लगाकर स्थानीय लोगों तथा प्रदर्शन स्थल पर आने वाले लोगों समेत 5,000 लोगों को खाना खिला रहे हैं।

कड़ाके की ठंड के बीच प्रदर्शन स्थल पर डटे किसानों के लिये डॉक्टरों ने चिकित्सा शिविर लगाए हैं। यहां कुछ ही लोग मास्क लगा रहे हैं तथा भौतिक दूरी का पालन कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है। लेकिन इससे प्रदर्शनकारियों पर कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा।

छब्बीस नवंबर को अपने घर से निकले गुरनाम ने कहा कि उन्हें टीकरी बॉर्डर पर पहुंचते ही सीने में दर्द हुआ। इसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह प्रदर्शनकारियों के बीच लौट आए।

गुरनाम ने कहा, ''हम पंजाब से हैं। जहां भी जाते हैं, प्यार बांटते हैं। न तो कोरोना वायरस और न ही ठंड हमें हमारी लड़ाई लड़ने से रोक पाएगी। ''

अपने ट्रैक्टर में आराम कर रहे राम सिंह भी मनसा से हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को निरस्त नहीं कर दिया जाता, तब तक वह और उनके बुजुर्ग चाचा वापस नहीं जाने वाले।

राम ने कहा कि उन्हें अपने गांववालों का पूरा समर्थन हासिल है। हर घर से कम से कम एक व्यक्ति यहां प्रदर्शन में शामिल हुआ है।

सड़क पर एक के पीछे एक 500 से अधिक ट्रैक्टर खड़े हैं। अधिकतर पर पोस्टर लगे हैं, जिनपर ''किसान नहीं तो खाना नहीं, जीडीपी नहीं, कोई भविष्य नहीं'' जैसे नारे लिखे हुए हैं।

ये पोस्टर किसानों के एक समूह ने बनाए हैं, जिनमें अधिकतर युवा शामिल हैं।

बीए द्वितीय वर्ष के छात्र हनी अपनी ऑनलाइन कक्षाएं छोड़कर प्रदर्शन में आए हैं। वह एक पोस्टर बनाने में व्यस्त हैं, जिसपर लिखा है, ''हम किसान हैं, आतंकवादी नहीं।''

हनी ने कहा, ''मैं किसान का बेटा हूं। अगर आज हम अपने किसान समुदाय के अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ सकते, तो ऐसी पढ़ाई-लिखाई का क्या फायदा।''

कुछ स्वयंसेवियों ने प्रदर्शन स्थल पर सौर ऊर्जा पैनल लगा रखे हैं ताकि किसान अपने मोबाइल फोन चार्ज कर सकें। इसके अलावा कई स्थानीय समूह पानी, साबुन, सूखे-मेवे तथा मच्छर मारने के साधन उपलब्ध करा रहे हैं। टीकरी बॉर्डर पर अस्थायी शौचालय भी बनाए गए हैं।

किसानों ने खुद को मिल रही मदद के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों ने हमारे लिये न केवल अपने घर के बल्कि दिलों के दरवाजे भी खोले हैं।

दरअसल केन्द्र सरकार ने सितंबर में तीन कृषि कानूनों को मंजूरी दी थी। सरकार का कहना है कि इन कानूनों का मकसद बिचौलियों को खत्म करके किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की अनुमति देकर कृषि क्षेत्र में ''सुधार'' लाना है।

किसानों को चिंता है कि इन कानूनों से उनकी सुरक्षा कवच मानी जानी वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था और मंडियां खत्म हो जाएंगी। सरकार का कहना है कि एमएसपी जारी रहेगी और नए कानूनों से किसानों को अपनी फसल बेचने के और विकल्प उपलब्ध होंगे।

किसान शनिवार को सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत करेंगे। इस बीच उन्होंने आठ दिसंबर को भारत बंद का भी आह्वान किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

अन्य खेलइंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन, आईबीए के साथ मिलकर भारतीय बॉक्सिंग को सशक्त बनाने की दिशा में करेगा काम

भारतKerala local body polls: केरल निकाय चुनाव में जीत पर कांग्रेस ने कहा- ‘लाल किलों’ के ढहने की हुई शुरुआत

क्राइम अलर्टUP Crime: 17 साल की लड़की को पहले किडनैप किया गया, फिर 25 दिनों में कई बार हुआ रेप

भारतBJP New President News: नड्डा की जगह क्या शिवराज सिंह चौहान बनेंगे भाजपा के नए अध्यक्ष?, भोपाल और दिल्ली आवास पर सुरक्षा बढ़ाई?

भारतछत्तीसगढ़ के 7 जिलों वाले बस्तर संभाग को अगले 5 वर्षों में सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाने का संकल्प, अमित शाह बोले- नक्सलवाद से किसी को फायदा नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतPankaj Chaudhary: कौन हैं पंकज चौधरी, महाराजगंज के सांसद जो बनेंगे यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष?

भारतपश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026ः प्रवासन, रोजगार, महंगाई, शासन और विकास नहीं मंदिर-मस्जिद पर होंगे मतदान?, हर दिन साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण तेज

भारततिरुवनंतपुरम नगर निगमः कौन बनेगा मेयर?, दौड़ में ये भाजपा नेता शामिल, देखिए पूरी लिस्ट

भारतVIDEO: हैदराबाद पहुंचे लियोनेल मेस्सी, 'प्रतिद्वंद्वी' टीम के सदस्य और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी से गर्मजोशी से किया स्वागत

भारतमोदी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी?, आखिर क्या है वजह, नए साल से पहले भाजपा में हलचल