चंडीगढ़: नवंबर हरियाणा में बरोदा उपचुनाव हारने के बाद भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में खटपट शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा है कि भाजपा को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) के वोट नहीं मिले. खट्टर के इस बयान ने जजपा नेताओं को नाराज कर दिया है. गठबंधन के सहारे भाजपा बरोदा का रण जीतने की उम्मीद पाले हुए थी.
'जजपा के वोट नहीं मिले इसलिए हुई हार'
खट्टर ने मीडिया से बातचीत के दौरान साफ कहा कि अगर जजपा के पूरे वोट मिलते तो हमारे प्रत्याशी योगेश्वर दत्त को 70 से 75 हजार तक वोट मिलते और भाजपा जीत जाती. उन्होंने कहा कि हम चुनाव हार कर भी जीते हैं.
इस बार भाजपा को 50 हजार से अधिक वोट मिले हैं, जो पिछले चुनाव की तुलना में करीब 13 हजार ज्यादा हैं. उपचुनाव में हार के बावजूद भाजपा में उत्साह का जिक्र करते हुए खट्टर ने कहा कि हमारा जो वोट प्रतिशत बढ़ा है, वह विकास के कारण ही बढ़ा है.
उधर, जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला से जब खट्टर के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने केवल इतना कहा कि उन्हें अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. जब बैठक होगी तो इसकी समीक्षा जरूर की जाएगी कि भाजपा क्यों नहीं जीत पाई?
भाजपा और जजपा के संबंधों में खटास बढ़ने के आसार
इस बीच उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस बात को सिरे से नकार दिया कि भाजपा उम्मीदवार को जजपा के वोट नहीं मिले. उन्होंने कहा कि योगेश्वर दत्त को 50 हजार से ज्यादा वोट मिलना साबित करता है कि उन्हें गठबंधन का पूरा समर्थन मिला है.
राजनीति के जानकारों का कहना है कि बरोदा उपचुनाव के बाद भाजपा और जजपा के संबंधों में खटास बढ़ने के आसार हैं.
मुख्यमंत्री खट्टर जहां मान रहे हैं कि भाजपा को जजपा के वोट नहीं मिले, वहीं उप मुख्यमंत्री चौटाला भी समझ रहे हैं कि किसान जजपा के भाजपा को समर्थन देकर सरकार बनाने के उनके फैसले से नाराज हैं. खट्टर के बयान के बाद लोगों ने अंदाज लगाना शुरू कर दिया है कि आने वाले दिनों में भाजपा और जजपा के बीच विवाद और बढ़ सकता है.