नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीआईआरटी) के सातवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में इस साल से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक अध्याय शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में जानकारी साझा की है। इस अध्याय को शामिल करने के पीछे उद्देश्य है कि स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्यों के प्रति समर्पण और साहस एवं बलिदान के मूल्यों का विकास करना और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है। अध्याय का नाम 'हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि' का नाम दिया गया है।
गौरतलब है कि कक्षा 7 की अंग्रेजी पाठ्यपुस्तक में इसका नाम 'ए होमेज टू आवर ब्रेव सोल्जर्स' नामक अध्याय को 'हनीकॉम्ब' पुस्तक में अंतिम अध्याय के रूप में शामिल किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह पहल शिक्षा मंत्रालय के साथ संयुक्त रूप से की गई है, जिसका उद्देश्य "स्कूली बच्चों में देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण और साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करना और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना है।"
इसमें कहा गया है कि अध्याय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के इतिहास, महत्व और अवधारणा पर प्रकाश डालता है, और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र की सेवा में सशस्त्र बलों के बहादुरों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान के बारे में भी बात करता है।
हिंदुस्तान टाइम्स की अनुसार, अध्याय में लांस नायक अल्बर्ट एक्का, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हो गए, मेजर पद्मपाणि आचार्य, जो 1999 के कारगिल युद्ध में भारत के लिए लड़े, महावीर चक्र पुरस्कार विजेता कैप्टन अनुज नैय्यर सहित कई बहादुरों के नामों का उल्लेख किया गया है।
इसके साथ ही इसमें मेजर सोमनाथ शर्मा, जिन्हें मरणोपरांत भारत के पहले परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया, सहित अन्य और उनके योगदान और बलिदान पर चर्चा की गई है। इसके अलावा अध्याय में अमर जवान ज्योति पर विस्तार से चर्चा की गई है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल को 25 फरवरी 2019 को नई दिल्ली में उद्घाटन किया था। यह स्मारक इंडिया गेट के पास है और इसका उद्देश्य लोगों में देश के लिए त्याग और राष्ट्र के प्रति देशभक्ति की भावना पैदा करना है।