पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष की एकजुटता को लेकर की जा रही बयानबाजी और मतदाता अधिकार यात्रा के दौरान राजद और कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता आमने-सामने आ ही जा रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा क्षेत्र के बेनीबाद में जब राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन मंच साझा कर रहे थे, तभी स्थानीय राजद विधायक निरंजन राय राहुल गांधी को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित करने पहुंचे थे। लेकिन राहुल गांधी ने विधायक से मुलाकात करने से साफ इंकार कर दिया और इसके तुरंत बाद उनके सुरक्षा गार्ड ने विधायक को पीछे धकेल दिया।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि महागठबंधन के अंदर सब कुछ वाकई ठीक है या नहीं? यह वही विधानसभा क्षेत्र है, जहां मतदाता अधिकार यात्रा का पड़ाव रखा गया था और भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी भी स्थानीय विधायक की ही मानी जाती है। ऐसे में राहुल गांधी का उनसे दूरी बनाना कई तरह के राजनीतिक संदेश छोड़ गया है। लोगों के बीच चर्चा यह भी है कि क्या कांग्रेस और राजद के बीच सिर्फ मंच पर दिखने वाली एकजुटता है और अंदरखाने तनाव की राजनीति चल रही है? क्या महागठबंधन के शीर्ष नेता सिर्फ जनता के सामने "दिखावा" कर रहे हैं। जबकि जमीनी स्तर पर उनके रिश्तों में खटास है?
तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले विधायक निरंजन राय के साथ इस तरह का व्यवहार से राजद कार्यकर्ताओं में नाराज़गी देखी जाने लगी है। यह सवाल यह उठाया जाने लगा है कि जिस विधायक के क्षेत्र में महागठबंधन शक्ति प्रदर्शन करने उतरा था, उसी विधायक से मिलने में राहुल गांधी ने परहेज क्यों किया? क्या यह कांग्रेस और राजद के बीच विश्वास की कमी का संकेत है या फिर यह विपक्षी एकता की पोल खोलने वाली तस्वीर है? मतदाता अधिकार यात्रा का मकसद जनता के बीच एकता और मजबूती का संदेश देना था। लेकिन वायरल वीडियो ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।