पटनाः बिहार में उपचुनाव को लेकर महागठबंधन में चल रही खींचतान शांत होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस को अब भी उम्मीद है कि कहीं राजद मान जाए और कुशेश्वरस्थान की सीट कांग्रेस को दे दे.
लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास पटना पहुंचते ही कहा कि राजद ने कांग्रेस के साथ किये गये गठबंधन का असम्मान किया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सबको लेकर होता है और बिहार में धर्म निरपेक्षता के आधार पर गठबंधन हुआ था. लेकिन शायद राजद ये बात भूल गई है. भक्त चरण दास ने तेजस्वी को सच का आइना दिखाते हुए कहा कि उन्होंने दो सीटों के लिए हमारे 19 विधायकों को दरकिनार कर दिया. वह यह भूल गए कि दो सीट जीत भी गए तो भी वह सरकार नहीं बना सकते हैं. अगर हमारे 19 विधायक उनके साथ नहीं होंगे.
राजद को यह भूल भारी पड़ सकती है. इस दौरान तेजस्वी को सीधी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास अब भी समय है, वह अपने फैसले पर विचार कर सकते हैं. उन्हें यह तय करना होगा कि गठबंधन की जरुरत उन्हें है या नहीं? उन्होंने कहा कि हमने राजद को यह कह दिया था कि कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर हमारा उम्मीदवार होगा और हर हाल में हम चुनाव जीतेंगे.
लेकिन इसके बावजूद तेजस्वी यादव लगातार यह कहते रहे कि दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार होंगे. भक्त चरण दास ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जल्दबाजी में बिना सोंचे समझे दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी. भक्त चरण दास यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने मुझसे बात की थी.
उनका कहना था कि कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस नहीं जीत सकती है, इसलिए वह यहां पर राजद का प्रत्याशी उतारना चाहते हैं. जबकि हम यहां पर पांच बार से चुनाव लड रहे हैं. पिछली बार हम सिर्फ छह हजार वोट से हारे थे. जबकि तारापुर में उनके(राजद) प्रत्याशी को सात हजार से भी अधिक वोटों से हार मिली थी.
बिहार कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि ज्यादा वोटों से हारने के बाद जब वह तारापुर से अपने प्रत्याशी उतार सकते थे, तो हमें कुशेश्वरस्थान से किस वजह से रोका गया? यही कारण था कि मैंने पांच लोगों की टीम यहां भेजी थी, जिन्होंने बताया कि यहां कांग्रेस के लिए अच्छा माहौल है. हमें यहां चुनाव लड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है और अगर कुशेश्वरस्थान की सीट कांग्रेस जीतती तो कांग्रेस के विधायक 19 से 20 होते. भक्त चरण दास ने कहा कि अगर बिहार में कांग्रेस मजबूत होती है तो ऐसे में महागठबंधन मजबूत होगा और यह मजबूती अंततः राजद को ही लाभ पहुंचाएगी.
उन्होंने कहा कि बिहार प्रभारी बनने के बाद उन्होंने लालू प्रसाद यादव से कहा था कि बिहार में कांग्रेस अब मजबूत स्थिति में आएगी, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस को कमजोर करने में लगा हुआ है. कांग्रेस प्रभारी ने हर मुद्दे पर राजद की बखिया उधेड़ते हुए कहा कि जो 70 सीट विधानसभा में दिए गए थे, उनमें 16 सीट ऐसे थे, जिसका वोट राजद कांग्रेस को ट्रांसफर नहीं करवा सकी.
यही नहीं. 26 सीट भी ऐसे जगहों पर दी गई थी, जहां कांग्रेस ने कभी चुनाव ही नहीं लड़ा था. उन्होंने कहा कि यदि हम गठबंधन में हैं, तो समझौता भी कोई चीज होती है और राजद ने इसकी घोर उपेक्षा की है. भक्त चरण दास ने राजद की तरफ से लालू प्रसाद यादव को स्टार प्रचारक के रूप में उतारे जाने की घोषणा के बाद कहा कि हमारे पास भी स्टार प्रचारकों की पूरी फौज है. जिनके नाम कल जारी किए जाएंगे.
जिसमें कन्हैया कुमार सहित अन्य दूसरे बडे़ नेता शामिल हैं. हालांकि भक्त चरण दास ने यह साफ कर दिया कि बिहार में चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी नहीं आएंगे. इसबीच, बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास को पटना में जबर्दस्त विरोध का सामना करना पडा है. पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस के ही कार्यकर्ताओं ने भक्त चरण दास के इस्तीफे की मांग की.
पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भक्त चरण दास पार्टी के दलालों के साथ मिलकर कांग्रेस का टिकट बेच रहे हैं. पटना में सदाकत आश्रम स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और बिहार प्रभारी भक्त चरण दास को पदमुक्त करने की मांग की. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इन दोनों नेताओं के इस्तीफे की मांग की. प्रदेश के किसान कांग्रेस के संयोजक मनोज कुमार का कहना है कि ये दोनों नेता कार्यकर्ताओं से पैसा लेकर टिकट बेचते हैं.
अभी हाल ही में एक केस भी इनके ऊपर हुआ था. कांग्रेस के एक अन्य बुजुर्ग कार्यकर्ता का आरोप है कि पिछली बार जब भक्त चरण दस बिहार आये थे तो इनसे पैसा लिए थे. भक्त चरण दास ने पटना के मौर्य होटल में 10 लाख रुपये लेकर पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का वादा किया था. लेकिन दिल्ली जाकर वो पलट गए. अभी तक इन्होंने मेरा नाम तक किसी को लिखकर नहीं दिया.