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चीन सीमा से लगती सीमा पर भारतीय सेना की सामरिक और युद्ध क्षमता बढ़ेगी, अरुणाचल में सेला सुरंग का 96 प्रतिशत कार्य पूरा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 30, 2023 19:23 IST

सेला सुरंग का 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब केवल आपात स्थिति में सुरंग से निकलने वाले रास्ते और पैदल पथ का काम बचा है और वह भी पूर्ण होने की कगार पर है। ये सुरंग सामरिक रूप से भी काफी अहम है।

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ठळक मुद्देसेला सुरंग का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका हैये सुरंग सामरिक रूप से भी काफी अहम हैइस साल के अंत तक इसका उद्घाटन होने की उम्मीद है

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के बाकी हिस्सों को तवांग जिले से साल भर सड़क मार्ग से जोड़े रखने के लिए बनाए जा रहे सामरिक रूप से अहम सेला सुरंग का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और इस साल के अंत तक इसका उद्घाटन होने की उम्मीद है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

अधिकारियों ने बताया कि सुरंग को अंतिम रूप दिया जा रहा है और उसमें सुरक्षा उपकरण लगाए जा रहे हैं। सेला सुरंग को सेला दर्रे से करीब 4200 मीटर नीचे बनाया गया है जो अक्सर बर्फबारी और भूस्खलन की वजह से बंद रहता है। सेला दर्रा तवांग जिले को शेष अरुणाचल प्रदेश से जोड़ता है। अधिकारियों ने बताया कि इस सुरंग से तवांग और चीन सीमा से लगती अग्रिम चौकियों तक साल भर सड़क यातायात जारी रहेगा जिससे भारतीय सेना की सामरिक और युद्ध क्षमता बढ़ेगी।

बीआरओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सुरंग का 96 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब केवल आपात स्थिति में सुरंग से निकलने वाले रास्ते और पैदल पथ का काम बचा है और वह भी पूर्ण होने की कगार पर है।

अधिकारी ने बताया कि सुरंग निर्माण के अंतिम चरण में उसमें सुरक्षा उपकरण लगाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में लगे वाहन पहले ही सुरंग से गुजर रहे हैं, लेकिन अन्य वाहनों को इसमें आवाजाही करने की अनुमति नहीं दी गई है। बीआरओ की देखरेख में सुरंग निर्माण का कार्य कर रही कंपनी के ऑन साइट इंजीनियर कुलदीप सिंह ने बताया कि बहुत संभव है कि इस सुरंग का उद्घाटन 2023 के अंत तक हो जाए। 

उन्होंने कहा कि मौसम यहां बड़ा मुद्दा है, भारी बारिश और बर्फबारी होती है। अगर मौसम की वजह से कोई कठिनाईं नहीं आती है तो हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक सुरंग को लोगों के लिए खोल दिया जायेगा । परियोजना की लंबाई करीब 12 किलोमीटर है जिसमें सुरंग, संपर्क मार्ग और लिंक रोड शामिल है।

बता दें कि अरुणाचल की सीमा चीन से लगती है और ये सुरंग सामरिक रूप से भी काफी अहम है। तवांग पर चीन अपना दावा जता चुका है इसलिए यह एक संवेदनशील क्षेत्र है। इस सुरंग के बन जाने से चीन की किसी भी हिमाकत का तुरंत जवाब दिया जा सकेगा।

(इनपुट - भाषा)

टॅग्स :अरुणाचल प्रदेशBorder Roads Organizationभारतीय सेनाचीन
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