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कोविड से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों के लिए रिजर्व बैंक की 15,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा

By भाषा | Updated: June 4, 2021 14:32 IST

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मुंबई, चार जून कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों को समर्थन के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 15,000 करोड़ रुपये की तरलता खिड़की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है। यह सुविधा संपर्क-गहन क्षेत्रों मसलन होटल और रेस्तरां, पर्यटन तथा विमानन सहायक सेवाओं वाले क्षेत्र के लिये पेश की गई है।

यह सुविधा 31 मार्च, 2022 तक रेपो दर पर उपलब्ध 50,000 करोड़ रुपये की नकदी सुविधा के अतिरिक्त है। इसके तहत कर्ज तीन साल के लिये उपलब्ध होगा। इसकी घोषणा पांच मई को कोविड से जुड़े स्वास्थ्य क्षेत्र को जरूरी मदद के लिये की गई थी।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘संपर्क-गहन क्षेत्रों पर दूसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने के लिए 31 मार्च, 2022 तक 15,000 करोड़ रुपये की एक अलग तरलता खिड़की शुरू होगी। रेपो दर पर इसकी अवधि तीन साल की होगी।’’

गवर्नर ने कहा कि इस योजना के तहत होटल, रेस्तरां, पर्यटन--ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेटरों और एडवेंचर/हेरिटेज सुविधाओं, विमानन सहायक सेवाओं... ग्राउंड हैंडलिंग और आपूर्ति श्रृंखला और अन्य सेवाओं मसलन निजी बस परिचालकों, कार मरम्मत सेवाओं, किराये पर कार उपलब्ध कराने वालों, कार्यक्रम आयोजकों, स्पा क्लिनिक और ब्यूटी पार्लर/ सैलून आदि के लिए बैंक नया ऋण उपलब्ध करा सकते हैं।

दास ने कहा, ‘‘एक प्रोत्साहन के तहत बैंकों को इस योजना के तहत अपने ऋण आकार के बराबर अधिशेष नकदी को रिवर्स रेपो सुविधा के तहत रिजर्व बैंक के पास रखने की अनुमति होगी। इसके लिए बैंकों को रेपो दर से 0.25 प्रतिशत कम या दूसरे शब्दों में कहा जाए, तो रिवर्स रेपो दर से 0.40 प्रतिशत अधिक ब्याज मिलेगा।’’

वित्त मंत्रालय ने इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में तीन लाख करोड़ रुपये की आपात रिण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के दायरे का विस्तार करते हुये अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाने के लिये भी योजना के तहत रियायती रिण उपलब्ध कराया जायेगा।

इसके साथ ही योजना की वैधता को तीन माह बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया गया है अथवा तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज के लिये गारंटी जारी होने तक के लिये बढ़ा दिया गया है। सरकार ने इस सुविधा (ईसीएलजीएस 3.0) के तहत पात्रता के वासते 500 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज की सीमा को भी हटा दिया है। इसमें अब प्रत्येक उधार लेने वाले को ईसीएलजीएस सहायता अधिकतम 40 प्रतिशत अथवा 200 करोड़ रुपये जो भी कम होगी रखी जायेगी। इसके तहत नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिये कर्ज को भी पात्र बना दिया गया है। इससे पहले इसमें आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन, विश्राम स्थलों और खेलकूद वाले व्यवसायों को पात्र बनाया गया था। इसमें जिन व्यासायों का बकाया 29 फरवरी 2020 को 500 करोड़ रुपये से अधिक नही था। यदि कोई लंबित भुगतान था वह भी 60 दिन अिावा उससे कम होना चाहिये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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