पटना: बिहार के मुख्यमंत्री भले ही नीतीश कुमार हैं, लेकिन महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से अब लोग अपनी फरियाद लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दरबार में जाना ज्यादा मुनासिब समझने लगे हैं। इसका कारण यह है कि लोगों को लगने लगा है कि अगर लालू यादव चाहेंगे तो कोई भी काम असंभव नही होगा।
इसी कड़ी में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने लालू दरबार में हाजिरी लगाई। प्रतिनिधिमंडल ने राजद प्रमुख से मिलकर अपनी परेशानी बताई। संघ ने लालू यादव से इस समस्या का हल निकालने की अपील की।
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के ताबड़तोड़ फैसले से शिक्षक दवाब में हैं। गैरहाजिर रहने, लापरवाही और मनमानी की शिकायत पर सैकड़ों शिक्षकों और कर्मियों का वेतन बंद किया जा चुका है। केके पाठक से मिल रहे नित नए फरमान का अब विरोध भी होने लगा है। शिक्षक संघ ने अब केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इसके अलावा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने, डोमिसाइल नीति लागू करने, समान काम के बदले समान वेतन देने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, संविदा शिक्षकों को बिना किसी शर्त बिना किसी परीक्षा के राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला।
अब सरकार के अडियल रवैये से परेशान शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल लालू यादव से मिलने पहुंच गया। संघ से जुड़े ब्रजनंदन शर्मा, मनोज शर्मा समेत कई नेताओं ने लालू यादव से मुलाकात की और केके पाठक के फरमान से शिक्षकों को हो रही रही परेशानी से अवगत कराया। शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने लालू यादव को एक ज्ञापन भी सौंपा।
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने लालू प्रसाद यादव के समक्ष 4 प्रमुख मांगे रखी है। शिक्षक संघ ने लालू प्रसाद यादव से यह अनुरोध किया कि वे अपने स्तर से प्रयास कर शिक्षकों के समस्याओं का समाधान निकालने की कृपा करे।