पश्चिम बंगाल में राजनीति का जो चेहरा अभी दिखाई दे रहा है वह बहुत भयावह है. वहां लोकतंत्र नहीं बल्कि लाठियों की भाषा बोली जा रही है. वामपंथियों के जमाने में भी लाठियों की भाषा ही चलती थी लेकिन इस बार वहां का समाज भीषण सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का की गिरफ ...
कमाल देखिए कि ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का चुनाव इस बार ऐसे लड़ा गया जैसे लोकसभा या विधानसभा का चुनाव हो! भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और जिस कॉरपोरेशन में पिछली बार केवल 4 सीटें थीं वहां 48 सीटों पर विजय हासिल कर ल ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास लोकसभा में तो बहुमत है ही, अब राज्यसभा में भी बहुमत हो जाएगा तो ऐसा लगता है कि वे ‘एक देश एक चुनाव’ को मूर्त रूप देकर रहेंगे, यदि जरूरत पड़ी तो अध्यादेश भी लाया जा सकता है. एक देश एक चुनाव की व्यवस्था बहुत जरूरी भी है ...
गरीबी अभिशाप बिल्कुल नहीं है. अपने कर्म और पुरुषार्थ से गरीबी को अमीरी में बदला जा सकता है. मैं ऐसे सैकड़ों प्रशासनिक अधिकारियों को जानता हूं जिन्होंने गरीब कुल में जन्म लिया लेकिन आज बड़े पदों पर बैठे हैं. ...
डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना महामारी से लड़ नहीं पाए तो अमेरिकी जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया. लग रहा था कि बिहार में भी नीतीश को जनता लौटने का मौका नहीं देगी लेकिन सारे अनुमान धरे के धरे रह गए! क्योंकि सत्ता तो आखिर सत्ता होती है! उसके ह ...
इस साल जैसी दिवाली पहले कभी नहीं आई. मैं प्रार्थना करता हूं कि ऐसी दिवाली फिर कभी आए भी न! हालात विकट हैं लेकिन इतिहास गवाह है कि कोई भी संकट मनुष्य का हौसला कभी कम नहीं कर पाया. मनुष्य न कभी रुका है और न कभी रुकेगा! जीत का जज्बा मनुष्य की तासीर है. ...
चीन की गोद में बैठे नेपाल को भारतीय खेमे में वापस लाना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है लेकिन सफलता की उम्मीद भी जग रही है. चीनी साम्राज्यवाद के खतरे का अंदाजा नेपाल के लोगों को भी हो रहा है और विरोध के स्वर उठने लगे हैं. भारत के लिए यही मौका है जब वह ...
चुनाव चाहे कहीं भी हो, हकीकत यह है कि बुनियादी मुद्दों पर कोई चर्चा होती ही नहीं है. विपक्ष तो कुछ सवाल कर भी लेता है लेकिन सरकार में बैठी पार्टी बुनियादी सवालों का सामना करना ही नहीं चाहती. बस वोटर को रिझाने की कोशिश होती है ताकि किसी तरह वोट मिल जा ...