25 साल से पत्रकारिता में सक्रिय। नियमित स्तंभकार। बाजारवाद के दौर में मीडिया पुस्तक प्रकाशित। मशहूर पत्रिका दिनमान का मोनोग्राफ लेखन। लिखना यानी जिंदगी, पढ़ना यानी डिप्रेशन लेकिन दोनों से अथाह प्यार।Read More
नागरिकता संशोधन कानून बहुत व्यापक है. नौ जनवरी को इस बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्नी राजनाथ सिंह ने असम और पूर्वोत्तर के दूसरे इलाकों में फैले भ्रम को दूर करने की कोशिश भी की. उन्होंने कहा कि इस बिल के तहत सिर्फ असम या पूर्वोत्तर पर जिम्मेदा ...
इस संवाद में संघ ने सभी आग्रहों और दुराग्रहों पर एक तरह से सफाई ही दी है। संघ पर ब्राह्मणवाद के वर्चस्व का आरोप भी ऐसा ही है। लेकिन संघ प्रमुख ने कहा कि लोगों को पता नहीं है कि संभाग स्तर तक संघ के प्रमुख संगठकों में विभिन्न जातियों के लोग आगे आ गए ह ...
14 सितंबर को हुई बैठक में पॉल ने साफ कहा कि अपनी संप्रभुता और क्षेत्नीय अखंडता पर खतरे वाली किसी भी परियोजना को लेकर कोई भी देश चुप्पी नहीं साध सकता। ...
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि खुले में न्याय की अवधारणा पहली बार ईसा पूर्व तीसरी सदी में जिस भारतभूमि में आई थी, उसे यहां लागू होने के लिए इक्कीसवीं सदी तक इंतजार करना पड़ा। ...