वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार। राज्य सभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक। वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज, सीएनईबी, बीएजी फिल्मस, आज तक, नई दुनिया इत्यादि मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर रहे।Read More
किसी एक समुदाय या जाति या मजहब की नुमाइंदगी करने वाली पार्टी भारतीय संविधान की भावना का आदर भी नहीं करती। जब वह क्षेत्रीय दल अपनी-अपनी जाति या संप्रदाय का प्रवक्ता बनकर काम करता है तो उसमें लोकतंत्र भी नदारद रहता है। ...
कांग्रेसी को अपनी करारी हार पर आत्ममंथन करने की जरुरत है, क्योंकि इस चुनावों में उसने किसी 'इंडिया' गठबंधन का सहयोग नहीं लिया। इसके बावजूद वे कहते रहे हैं कि साथ लड़ने के लिए तैयार हैं। लेकिन, स्थानीय नेताओं ने किसी की एक न सुनी, जिसकी वजह से कांग्रे ...
अंतरराष्ट्रीय जानकार कहते हैं कि असल में पाकिस्तान ऐसा मुल्क है, जिसे परदेसी भीख पर जिंदा रहने की लत लग गई है। वह अपने देश के नागरिकों के लिए कार्य संस्कृति नहीं बना सका है। ...
भारतीय लोकतंत्र अब परिपक्व हो रहा है। संसार में थोड़ी-थोड़ी धाक भी जमने लगी है। नई पीढ़ी ने अपनी प्रतिभा के बूते कमोबेश सभी देशों में अपने हुनर, कौशल और ज्ञान से अलग पहचान बनाई है। ...
चुनाव के दिनों में तो यह और भी विकराल तथा विकृत स्वरूप में हमारे सामने उपस्थित है. चुनाव से पहले राजनेताओं को पता होता है कि वे जो लालच दे रहे हैं या जो वादे जनता के साथ कर रहे हैं, वे कभी पूरे नहीं होंगे. ...