नई दिल्ली: कनाडा और भारत के रिश्तों में आई कड़वाहट के बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय समुदाय को नवरात्रि पर शुभकामनाएं दी। उनकी यह बात कहीं न कहीं भारत से कूटनीतिक संबंधों को सुधारने की ओर इंगित कर रही है।
पिछले दिनों 11 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान कनाडाई समकक्ष मेलानी जोली के साथ गुप्त बैठक की थी। लेकिन, इसपर कनाडा के विदेश मंत्रालय ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों देश कूटनीतिक संबंध को सुधारने पर काम कर रहे हैं।
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर पीएम ट्रूडो ने भारत सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद कनाडा से भारतीय राजदूत को लौट जाने का आदेश भी दिया। जवाब में भारत ने भी पलटवार करते हुए कनाडाई राजनियकों को कनाडा चले जाने का फरमान सुनाया था।
वहीं, भारत से 41 कनाडाई राजनायिकों को 10 अक्टूबर तक वापस चले जाने का फरमान जारी किया गया था। साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि भारतीय राजनायिकों की तुलना में कई कनाडाई राजनियक भारत में मौजूद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा में तैनात राजनयिकों को भारत ने कुआलालंपुर और सिंगापुर में स्थानांतरित कर दिया।
रिपोर्ट्स की मानें तो भारत ने अपने आदेश को उचित बताते हुए राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का हवाला दिया था। लेकिन, कनाडा की ओर से कहा गया था कि नई दिल्ली इस संधि को गलत तरीके से पढ़ रहा है।
वहीं, ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा भारत के साथ कोई तनाव नहीं चाहता, जबकि मेलानी जॉय ने कहा कि कनाडा इस मुद्दे पर भारत के साथ निजी जुड़ाव चाहता है।