नवरात्रि यानी 'नौ-रात'। हिन्दू धर्म में ये त्योहार वर्ष में चार बार आता है-चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ। चैत्र में चैत्र नवरात्रि और अश्विन में इस पर्व को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दो नवरात्रि से ठीक पहले गुप्त नवरात्रि आते हैं, जिन्हें गुप्त एवं तांत्रिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन हिन्दू परिवारों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व है और इसे ही विशेष रूप से मनाया जाता है। Read More
चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन मां अंबे के नौवें स्वरूप में देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही ये सिद्धियां प्राप्त की थीं। ...
चैत्र नवरात्र के आठवें दिन नवदुर्गा के महास्वरूपों में महागौरी का पूजन किया जाता है। इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी रंग शंख, चंद्र और कुंद के फूल के समान है। ...
चैत्र नवरात्र का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों के जीवन के सारे दुख-सारे संकट खत्म हो जाते हैं। ...
Chaitra Navratri 2024 Upay: 9 अप्रैल को शुरू हुआ चैत्र नवरात्रि पर्व 17 अप्रैल को समाप्त होगा। इस बीच मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व में नौ दिनों के उपवास किए जाते हैं। ...
नवरात्री का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। मां के नवदुर्गा स्वरूप में तृतीय स्थान पर विराजमान मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। ...