30 जनवरी 1948 का दिन कहने को तो साल के बाकी दिनों जैसा ही था, लेकिन शाम होते होते ये इतिहास में सबसे दुखद दिनों में शुमार हो गया। दरअसल 30 जनवरी 1948 की शाम को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की जान ले ली। विडम्बना देखिए कि अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए। वह उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे। उसी समय गोडसे ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत ‘हे राम’ कहकर दुनिया से विदा हो गया। इसलिए हर साल 30 जनवरी को देश और दुनिया भर में फैले भारतीय शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं।