15 जून की रात को हुए खूनी संघर्ष में 20 जवान शहादत पा चुके हैं और करीब 150 से अधिक अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 30 गंभीर रूप से घायल हैं और जिंदगी-मौत की जद्दोजहद कर रहे हैं। जवानों के घायल शरीर चीनी सेना के धोखे और बर्बरता की दास्तां बयान कर रहे हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक ये प्रकरण 15 जून को दोपहर बाद शुरू हुआ जब जब भारतीय सैनिक ऊपर से मिले निर्देशों के बाद पेट्रोल प्वाइंट 14 के पास चीनी सेना द्वारा ताजा गाड़े गए एक टेंट को हटवाने के लिए गए थे। लेकिन चीनी सेना ने पहले ही षडयंत्र बुन रखा था। उसने भारतीय सैनिकों की आपत्ति के तुरंत बाद टेंट को आग लगा दी और फिर भारतीय जवानों पर हमला कर दिया। नतीजतन भारतीय जवानों का नेतृत्व कर रहे 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग आफिसर कर्नल बी संतोष बाबू समेत तीन जवान शहादत पा गए।