लोकसभा की दो सीटों पर भी दावा ठोकेंगे लद्दाखी नेता, यूटी के भीतर ही विधायिका की मांग पर सहमत

By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 14, 2023 04:32 PM2023-12-14T16:32:26+5:302023-12-14T16:39:00+5:30

लद्दाखी नेता फिलहाल यूटी के भीतर ही विधायिका की मांग पर सहमत होते दिख रहे हैं पर स्टेटहुड पाने को वे लंगे संघर्ष की तैयारी करने लगे हैं।

Ladakhi leaders will also stake claim on two Lok Sabha seats, agreed to the demand of legislature within the UT | लोकसभा की दो सीटों पर भी दावा ठोकेंगे लद्दाखी नेता, यूटी के भीतर ही विधायिका की मांग पर सहमत

लोकसभा की दो सीटों पर भी दावा ठोकेंगे लद्दाखी नेता, यूटी के भीतर ही विधायिका की मांग पर सहमत

Highlightsलद्दाखी नेता फिलहाल यूटी के भीतर ही विधायिका की मांग पर सहमत होते दिख रहे हैं हालांकि स्टेटहुड पाने को वे लंगे संघर्ष की तैयारी करने लगे हैंगृह मंत्रालय लद्दाखी नेताओं से दूसरे दौर की बातचीत से पहले उनकी मांगों का विस्तृत विवरण चाहता है

जम्मू: लद्दाख में उपजे आक्रोश को थामने की खातिर केंद्रीय गृह मंत्रालय लद्दाखी नेताओं से दूसरे दौर की बातचीत से पहले उनकी मांगों का विस्तृत विवरण तो चाहता है पर उसने यह स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि लद्दाखियों की राज्य का दर्जा प्राप्त करने की मांग पर विचार नहीं किया जाएगा। 

ऐसे में लद्दाखी नेता फिलहाल यूटी के भीतर ही विधायिका की मांग पर सहमत होते दिख रहे हैं पर स्टेटहुड पाने को वे लंगे संघर्ष की तैयारी करने लगे हैं। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) को संभावित विकल्पों सहित उनकी मांगों को रेखांकित करते हुए एक व्यापक दस्तावेज बनाने का निर्देश दिया है। 

बताया जाता है कि यह दस्तावेज संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र के बाद नई दिल्ली में होने वाली बैठक के दौरान प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। गृह मंत्रालय ने अपने आश्वासन में कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल, गृह सचिव एके भल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, उक्त बैठक के बाद लद्दाख का दौरा करेगा।

मिलने वाले समाचार कहते हैं कि प्रमुख समावेशन पर ध्यान केंद्रित करते हुए चल रही चर्चाओं के साथ, एलएबी और केडीए दस्तावेज का मसौदा तैयार करने में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। यह सच है कि चार दिसंबर की बैठक के लिए एमएचए की घोषणा लद्दाखियों की राज्य का दर्जा पाने की मांग को विशेष रूप से संबोधित नहीं करता था।

इन परिस्थितियों में लद्दाखी नेताओं का कहना था कि ऐसे परिदृश्य में, लद्दाख के कुछ प्रतिनिधियों का विचार है कि राज्य का दर्जा मांगने के बजाय, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय चर्चा करने के लिए भी तैयार नहीं है, उन्हें केंद्र शासित प्रदेश के भीतर विधानमंडल की मांग करनी चाहिए, लेकिन कुछ लोगों की तरह राज्य के दर्जे के लिए संघर्ष जारी रखना चाहिए।

इसके विपरीत, लद्दाख के लिए छठी अनुसूची की मांग को लेकर एलएबी और केडीए अपने रुख पर कायम हैं। विकल्प तलाशने के गृह मंत्रालय के सुझाव के बावजूद, वे भूमि, संस्कृति और पहचान से संबंधित लद्दाखियों के अधिकारों की रक्षा के साधन के रूप में छठी अनुसूची के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

हालांकि गृह मंत्रालय का दल लद्दाख की यात्रा के दौरान घोषणाएं कर सकता है, लेकिन राज्य के दर्जे की संभावना से इनकार कर दिया गया है। लद्दाख के लिए दो संसदीय सीटों की मांग के संबंध में, यह संकेत दिया गया है कि तब तक निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर रोक के कारण इस पर 2026 के बाद ही विचार किया जा सकता है। 

दो संसदीय सीटों की मांग के संबंध में सूत्रों ने बताया कि यह 2026 के बाद ही किया जा सकता है क्योंकि तब तक निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन रुका हुआ है।'

Web Title: Ladakhi leaders will also stake claim on two Lok Sabha seats, agreed to the demand of legislature within the UT

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