25 टन वजन वाले हल्के टैंक 'जोरावर' का परीक्षण शुरू, लद्दाख सहित ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में होगी तैनाती, जानिए खासियत

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 14, 2024 11:32 AM2024-01-14T11:32:53+5:302024-01-14T11:33:57+5:30

भारत के ‘जोरावर’ टैंक में 105 मिलीमीटर की तोप लगी है। यह टैंक बनाने की मंजूरी अप्रैल 2022 में मिली थी। ‘जोरावर’ की खासियत ये है कि मोबिलिटी और ज्यादा सटीक फायर पावर के मामले में यह काफी शानदार है।

Testing of light tank Zorawar begins will be deployed in Ladakh china border | 25 टन वजन वाले हल्के टैंक 'जोरावर' का परीक्षण शुरू, लद्दाख सहित ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में होगी तैनाती, जानिए खासियत

फाइल फोटो

Highlights25 टन वजन वाले हल्के टैंक 'जोरावर' का परीक्षण शुरूलद्दाख सहित ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में होगी तैनाती, जानिए खासियतभारत के ‘जोरावर’ टैंक में 105 मिलीमीटर की तोप लगी है

नई दिल्ली: चीन से जारी तनाव के बीच भारतीय सेनाभारतीय सेना ने हल्के टैंक 'जोरावर' का परीक्षण शुरू कर दिया है। वजन में हल्के और आसानी से पहाड़ी इलाकों में भी चलने में सक्षम  'जोरावर' टैंक लद्दाख सेक्टर सहित उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रक्षा क्षमताओं बढ़ाएंगे। डीआरडीओ अगले चार महीनों के भीतर इस परियोजना को आगे के परीक्षणों के लिए सेना को सौंप देगा। इस परियोजना में एक निजी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) भी शामिल है।

टैंक का आंतरिक परीक्षण शुरू हो गया है, जिसे मार्च के अंत या अप्रैल के मध्य तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद सेना के साथ बाद के उपयोगकर्ता परीक्षणों का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। यह लाइट टैंक, डीआरडीओ और लार्सन एंड टुब्रो को दिए गए 59-टैंक ऑर्डर का हिस्सा है। इससे  लद्दाख क्षेत्र में सेना की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी होगी। मेक इन इंडिया पहल के तहत एलएंडटी के साथ सहयोग करते हुए, डीआरडीओ 25 टन के हल्के टैंक के निर्माण पर काम कर रहा है जो ऊंचे पहाड़ी इलाकों में तेजी से चलने में सक्षम है।

दरअसल चीन सीमा पर भारतीय सरहदों की निगरानी कर रही सेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है कि भारी हथियरों को ऊंचे पहाड़ों पर तैनात कैसे किया जाए। 16 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर भारी 60 टन के भारी भरकम टैंक ले जाना तो असंभव सा काम है। इसलिए जोरावर की जरूरत महसूस की गई थी। इस टैंक का वजन केवल 25 टन है। 

सेना का लक्ष्य हल्के टैंक को मैदानी और पहाड़ी इलाकों के अलावा पानी पर भी चलने लायक बनाना है। लद्दाख क्षेत्र में चीन ने तेजी से चलने में सक्षम हल्के टैंक पहले ही तैनात कर रखे हैं इसलिए भारत की चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है। चीन ने सीमा पर जिस तरह सैनिकों और हथियारों का जमावड़ा कर रखा है, उसका जवाब देने में यह टैंक उपयोगी होगा।

भारत के ‘जोरावर’ टैंक में 105 मिलीमीटर की तोप लगी है। यह टैंक बनाने की मंजूरी अप्रैल 2022 में मिली थी। ‘जोरावर’ की खासियत ये है कि मोबिलिटी और ज्यादा सटीक फायर पावर के मामले में यह काफी शानदार है। यह बेहद दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों में ज्यादा ऊंचाई पर तैनात किया जाएगा। यह टैंक ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों सहित हर तरह के इलाके में काम कर सकेगा। तेजी से तैनाती के लिए इसे हवाई जहाज से भी ले जाया जा सकेगा।

Web Title: Testing of light tank Zorawar begins will be deployed in Ladakh china border

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे