लॉकडाउन (2020)जालसाजों की रिकॉर्ड कमाईघर बैठे उड़ाए ₹ 67000 करोड़ साल 2020 इतिहास के पन्नों में काले मोटे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा.. क्योंकि यह साल एक त्रासदी की तरह बीता है। कोरोना महामारी से घरों में कैद जिंदगी को लोग चाहकर भी नहीं भूल पाएंगे। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि यह साल कुछ लोगों के लिए गोल्डन पीरियड भी लेकर आया। हम बात कर रहे हैं उन जालसाजों की जो घर में बैठकर भी खुराफात से बाज नहीं आए। पिछले वर्ष लॉकडाउन के कारण जिंदगी ठप सी पड़ी थी, इसके बावजूद धोखाधड़ी करने वालों ने कायदे से हाथ की सफाई की और बैंकों को चूना लगाने का नया रिकॉर्ड बना दिया। एक मोटे अनुमान के मुताबिक 2020 में बैंकों के साथ धोखाधड़ी का आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 67000 करोड़ रुपये के पार चला गया।सीबीआई की वर्ष 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के 91 मामलों की तुलना में ज्यादा मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2020 में सीबीआई द्वारा दर्ज 543 मामलों में से 196 तो बैंकों के साथ धोखाधड़ी के ही थे। वर्ष 2020 में बैंकों की नींद उड़ा देने वाला धोखाधड़ी का आंकड़ा 67319.40 करोड़ रुपये रहा। वर्ष 2019 में यह 19830.14 करोड़ था। बैंकों के साथ धोखाधड़ी के 27 मामलों का ही योगदान 53379.38 करोड़ रुपये (79.29 %) रहा। यह सभी मामले 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के थे।47 मामले 100 से 500 करोड़ रुपये के दरमियान थे। यह आंकड़ा 9,423.78 करोड़ (13.99 %) रहा। वर्ष 2017 में जहां तमाम मामलों में से बैंकों से धोखाधड़ी के केवल तीन फीसद मामले थे तो यह आंकड़ा वर्ष 2020 में 36% तक पहुंच गया।दिल्ली में 50 और मुंबई में 30 मामलेसाल 2020 में बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में दिल्ली ने मुंबई को पछाड़ दिया। दिल्ली में इस तरह के 50, मुंबई में 30 के अलावा पुणे, नागपुर और चेन्नई यूनिट ने 17 मामले दर्ज किए। गुजरात के गांधीनगर में 16 मामले दर्ज किए गए। चर्चित मामलों की बात करें तो यह बैंक, डीएचएफएल, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स, अवथा समूह, सुराना कॉर्पोरेशन, तेदेपा नेता रायपति संबासिव राव से जुड़ी ट्रांसट्रॉय का 7926.01 करोड़ रुपये और एजुकोम्प सॉल्यूशन का 1995 करोड़ रुपये का मामला सामने आया।2020 में दर्ज साइबर क्राइम के 62% मामले आर्थिक अपराध से जुड़ेसाल 2020 में साइबर अपराधों की दर्ज शिकायतों में 62 प्रतिशत मामले आर्थिक अपराध से जुड़े थे। दिल्ली पुलिस के एक बयान के अनुसार कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। इसमें 24 प्रतिशत शिकायतें सोशल मीडिया से जुड़ी थीं जिसमें ऑनलाइन हैरासमेंट प्रमुख था। अन्य 14 प्रतिशत शिकायतें हैकिंग और डेटा चोरी से जुड़ी थीं।