Allahabad High Court: प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के खिलाफ घृणा फैलाकर पैसा मांगा, आरोपी पत्रकार अमित मौर्य को कोर्ट ने दिया झटका

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 31, 2024 08:08 PM2024-03-31T20:08:21+5:302024-03-31T20:09:18+5:30

Allahabad High Court: अमित मौर्य ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण को सार्वजनिक करने में किया।

Allahabad High Court PM Narendra Modi CM Yogi Adityanath gives blow accused journalist Amit Maurya spreading hatred against demanding money | Allahabad High Court: प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के खिलाफ घृणा फैलाकर पैसा मांगा, आरोपी पत्रकार अमित मौर्य को कोर्ट ने दिया झटका

सांकेतिक फोटो

Highlights विभिन्न धार्मिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं।वाराणसी के लालपुर थाने में उसके खिलाफ प्राथमकी दर्ज कराई गई थी।मीडिया के क्षेत्र में अपने पद का दुरुपयोग करने से पत्रकारिता की निष्ठा खराब होती है।

Allahabad High Court: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उगाही करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ घृणा फैलाने के आरोपी एक पत्रकार को जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोप हैं कि अमित मौर्य ने ‘पूर्वांचल ट्रक ओनर्स एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष से पैसे मांगे और उसकी छवि खराब करने वाला लेख प्रकाशित करने की भी धमकी दी। आरोप है कि मौर्य ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण को सार्वजनिक करने में किया।

साथ ही विभिन्न धार्मिक हस्तियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। वाराणसी के लालपुर थाने में उसके खिलाफ प्राथमकी दर्ज कराई गई थी। अमित मौर्य की जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने कहा, ‘‘लाभ लेने या धमकी के जरिए लोगों का उत्पीड़न करने के लिए मीडिया के क्षेत्र में अपने पद का दुरुपयोग करने से पत्रकारिता की निष्ठा खराब होती है।

इस तरह के कृत्य से ना केवल मीडिया से लोगों का भरोसा घटता है, बल्कि लोकतांत्रिक सिद्धांत भी कमजोर होते हैं।’’ अदालत ने 13 मार्च को दिए निर्णय में प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी और बदज़बानी को भी गंभीरता से लिया और इसे निंदनीय और नागरिक विमर्श के सिद्धांतों के विपरीत करार दिया।

अदालत ने कहा कि एक लोकतांत्रिक समाज में असहमति और आलोचना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह इस तरीके से की जानी चाहिए जिससे सभी की गरिमा और सम्मान बना रहे। अदालत ने कहा कि सरकार से वैध असहमति और अभद्र भाषा एवं घृणा फैलाने के बीच स्पष्ट अंतर है।

Web Title: Allahabad High Court PM Narendra Modi CM Yogi Adityanath gives blow accused journalist Amit Maurya spreading hatred against demanding money

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