रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 40 वर्षों में विश्व स्तर पर पानी का इस्तेमाल लगभग एक प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है और जनसंख्या वृद्धि, सामाजिक-आर्थिक विकास तथा बदलते खपत पैटर्न के कारण इसके 2050 तक इसी दर से बढ़ने की संभावना है. ...
भारत में केवल 15% जल का ही उपयोग होता है. इसके अलावा शेष बहकर समुद्र में चला जाता है और बेकार हो जाता है. भारत को इस पर ध्यान देना होगा, ताकि एक-एक बूंद का सही इस्तेमाल हो सके. इस मामले में इजराइल को बतौर उदाहरण देखा जा सकता है. ...
प्राधिकरण के वाइस चेयरमेन बशीर अहमद बट के बकौल, एक लंबे अरसे से यह वनस्पतियां इतनी हो चुकी थीं कि इसने झील के 7 वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्र को खत्म ही कर दिया था। ...
आज नदी के नाम पर नाला रह गया है। इसकी धारा पूरी तरह सूख गई है। जहां कभी पानी था, अब वहां बालू-रेत उत्खनन वालों ने बहाव मार्ग को ऊबड़-खाबड़ और दलदली बना दिया है। ...
ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि उनका लक्षय यह है कि वे 20 दिसंबर की सुबह 8 बजे तक इस काम को पूरा कर दें ताकि वे पानी की सप्लाई को फिर से शुरू कर सके। ...
नदियों का इतना जल्दी सूखना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। नदियों में जल का स्तर बने रहने से सिंचाई का सबसे बड़े स्रोत साबित होता था। इससे भूगर्भ जल भी ठीक रहता था। नदियों के असमय सूख जाने से भूगर्भ जल भी प्रभावित हुआ है। जलस्तर काफी नीचे चला गया है ...
इस योजना पर बोलते हुए महाराष्ट्र में जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. ऋषिकेश यशोद ने कहा कि 1,553 गांवों के हर घर में कम से कम 55 लीटर गुणवत्ता नियंत्रित और लगातार जलापूर्ति का लक्ष्य रखा गया था। इसी को पूरा किया जा रहा है। ...