‘हर घर जल’ अभियान: महाराष्ट्र के 9 जिले-1,500 से अधिक गांवों के हर घर में पहुंचा नल का साफ पानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 21, 2022 01:32 PM2022-08-21T13:32:48+5:302022-08-21T13:55:53+5:30
इस योजना पर बोलते हुए महाराष्ट्र में जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. ऋषिकेश यशोद ने कहा कि 1,553 गांवों के हर घर में कम से कम 55 लीटर गुणवत्ता नियंत्रित और लगातार जलापूर्ति का लक्ष्य रखा गया था। इसी को पूरा किया जा रहा है।
मुंबई:महाराष्ट्र के 1,513 गांवों के हर घर में पिछले कुछ सप्ताह में ‘हर घर नल से जल’ अभियान के तहत नल के जरिए पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग 25 जुलाई और 12 अगस्त के बीच एक विशेष मुहिम के तहत राज्य के 1,553 गांवों में पहुंचा और वहां के सभी घरों में नल का पानी पहुंचाने में सफल रहा।
इस पर जेजेएम के मिशन निदेशक ने क्या कहा
महाराष्ट्र में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के मिशन निदेशक डॉ. ऋषिकेश यशोद ने कहा कि सरकार इस योजना के तहत साल 2024 तक सभी गांवों के मकानों में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गांव स्तरीय जलापूर्ति योजना के जरिए नल का जल उपलब्ध कराने के लिए काम जारी है।
इन जिलों में पहुंचा है पानी
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नासिक जिले में 111, गढ़चिरौली में 89, सतारा में 79, अमरावती में 78, चंद्रपुर में 76, नागपुर में 65, जालना में 52, औरंगाबाद में 42 और पालघर में 17 गांवों में नल के जरिये जल उपलब्ध कराया गया है।
यशोद के मुताबिक, विभाग ने जेजेएम मानकों के अनुसार 1,553 गांवों के हर घर में कम से कम 55 लीटर गुणवत्ता नियंत्रित और लगातार जलापूर्ति का लक्ष्य रखा था।
इस योजना पर 11,500 करोड़ रुपए का किया गया था प्रावधान
दो साल पहले सरकार ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत दस लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में सभी घरो में पाइप से शुद्ध पेय जल की सुविधा करने की योजना के लिए 2020-21 में 11,500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।
योजना पर क्या बोली थी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
पिछले साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट भाषण पढ़ते हुए कहा था, ‘‘सभी परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से जलापूर्ति प्रदान करने के उद्देश्य से 3.60 लाख करोड़ रुपए की ‘जल जीवन अभियान’ योजना स्वीकृत की गयी है।’ सीतारमण ने कहा था कि इस योजना के तहत स्थानीय जल स्रोतों को बढ़ाने, वर्तमान स्रोतों को पुनः जल से परिपूर्ण करने जैसी प्रोत्साहन गतिविधियां शामिल थी।
उन्होंने यह भी कहा था कि दस लाख से अधिक की जनसंख्या वाले शहरों को वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान इस उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘ इस योजना के तहत योजना वर्ष 2020-21 के दौरान 11,500 करोड़ रुपये के संसाधन भी प्रदान करेगी।’’
पानी के खारेपन को भी किया जाएगा कम- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
‘जल जीवन अभियान’ के तहत जल संग्रहण के साथ-साथ सरकार जल के खारेपन को कम करने को भी प्रोत्साहनद देगी। पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट में इसके लिए 10,000.66 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।