Tata Nano देश की मशहूर कारों में से एक है। इस कार को 'लखटकिया' कार के रूप में जाना जाता है। इस कार को भारत में लॉन्च करना रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट था। Read More
नेनो की असफलता पर बात करते हुए रतन टाटा ने बताया कि भारत की सबसे सस्ती कार के रूप में दस साल पहले साल 2008 में टाटा नैनो को लॉन्च किया गया था। लेकिन, नैनो ग्राहकों की पसंद पर खरी नहीं उतर पाई। इसका सबसे बड़ा कारण.. ...
टाटा मोटर्स ने बीते साल यानी 2019 में अपनी छोटी कार नैनो की एक भी कार नहीं बनाई। साल 2019 में ही सिर्फ फरवरी में टाटा कंपनी नैनो की एक कार ही बेच पाई। टाटा मोटर्स ने रतन टाटा का सपना कही जाने वाली लखटकिया कार के रूप में प्रसिद्ध नैनो का उत्पादन बंद क ...
टाटा मोटर्स लगातार कहती रही है कि नैनो के भविष्य के बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं किया गया है। हालांकि, कंपनी ने स्वीकार किया है कि मौजूदा रूप में नैनो नए सुरक्षा नियमनों और BS-6 उत्सर्जन मानकों पर खरी नहीं उतरेगी। ...
टाटा मोटर्स की भारत चरण-6 के तहत कड़े उत्सर्जन मानकों और अन्य सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने के लिये रतन टाटा के सपनों की कार में और निवेश की योजना नहीं है। ...
टाटा मोटर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उसने दिसंबर, 2018 में आखिरी बार नैनो का उत्पादन किया था। उस समय साणंद कारखाने से 82 नैनो बाहर आई थीं। बिक्री की बात की जाए, तो जनवरी से जून की अवधि में कंपनी सिर्फ फरवरी महीने में एक नैनो कार बेच पाई है। ...
यूरोप में लगभग तीन लाख क्वाड्रीसाइकल पहले से चल रही हैं। 'लो स्पीड व्हीकल' कैटेगरी में क्वाड्रीसाइकल 1998 से यूएस और साल 2000 से कनाडा में चल रही हैं। इनकी अधिकतम स्पीड 70किलोमीटर प्रति घंटा है। ...
लॉन्चिंग के एक दशक बाद Tata Motors अपने बहुचर्चित लखटकिए कार को आधिकारिक रूप से बंद करने जा रही है। इस बात का ऐलान कंपनी अपने 73वीं वार्षिक मीटिंग में कर सकती है। जून 2018 से नैनो की प्रोडकशन ग्राहकों के ऑडर के मुताबिक की जारी है। ...