महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका ने बतायी टाटा नैनो के फेल होने की एक बड़ी वजह, लोगों की ये आदत है जिम्मेदार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 23, 2020 11:42 AM2020-02-23T11:42:02+5:302020-02-23T11:42:02+5:30

टाटा मोटर्स ने बीते साल यानी 2019 में अपनी छोटी कार नैनो की एक भी कार नहीं बनाई। साल 2019 में ही सिर्फ फरवरी में टाटा कंपनी नैनो की एक कार ही बेच पाई। टाटा मोटर्स ने रतन टाटा का सपना कही जाने वाली लखटकिया कार के रूप में प्रसिद्ध नैनो का उत्पादन बंद कर दिया है। 

Mahindra MD Pawan Goenka ideas on mobility Indians use big cars move single person tata nano | महिंद्रा के एमडी पवन गोयनका ने बतायी टाटा नैनो के फेल होने की एक बड़ी वजह, लोगों की ये आदत है जिम्मेदार

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsकई विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय उपभोक्ता शान-ओ-शौकत के लिए कार खरीदते हैं, यह नैनो की असफलता की मुख्य वजह है। गोयनका ने कहा, ‘नैनो का अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना दुर्भाग्यपूर्ण है।’

महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक (MD) पवन गोयनका ने शनिवार को कहा कि भारतीय लोग अकेले के इस्तेमाल के लिए भी बड़ी-बड़ी कार इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की यही सोच टाटा नैनो की ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ असफलता का एक प्रमुख कारण है। 

पवन गोयनका ने आईआईटी कानपुर के पूर्व विद्यार्थियों के एक कार्यक्रम में कहा कि वाहन उद्योग का प्रदूषण में खासा योगदान है और इसे कम करने के लिए हरसंभव तरीके अपनाए जाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने महिंद्रा की एक योजना के बारे में भी बताया जिसके अंतर्गत महिंद्रा भी एक छोटी कार लॉन्च करने की तैयारी में है। जल्द ही यह कार लोगों के लिए उपलब्ध होगी।

टाटा मोटर्स ने बीते साल यानी 2019 में अपनी छोटी कार नैनो की एक भी कार नहीं बनाई। साल 2019 में ही सिर्फ फरवरी में टाटा कंपनी नैनो की एक कार ही बेच पाई। टाटा मोटर्स ने रतन टाटा का सपना कही जाने वाली लखटकिया कार के रूप में प्रसिद्ध नैनो का उत्पादन बंद कर दिया है। 

कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय उपभोक्ता शान-ओ-शौकत के लिए कार खरीदते हैं, यह नैनो की असफलता की मुख्य वजह है। गोयनका ने कहा, ‘नैनो का अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि 65-70 किलोग्राम के औसत भारतीय लोग महज एक व्यक्ति के आने-जाने के लिए 1,500 किलोग्राम की कार खरीदते हैं। गोयनका ने कहा कि हमें ऐसे वाहनों की जरूरत है, जो एक व्यक्ति के आने-जाने के लिए पर्याप्त हो।

पवन गोयनका ने कहा, ‘इसे ध्यान में रखते हुए महिंद्रा भी एक छोटी कार तैयार कर रही है, जो जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।’ उन्होंने कहा कि अभी वाहनों की हिस्सेदारी कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में सात प्रतिशत तथा पीएम2.5 में 20 फीसदी है। इसे कम करने का पूरा प्रयास किया जाना चाहिए। 

गोयनका ने कहा कि भारत कनेक्टेड कार के मामले में अगुवाई कर सकता है, क्योंकि भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर काफी तरक्की की है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी काफी काम हो रहा है। बैटरी, चार्जिंग, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, तिपहिया वाहन जैसी कैटेगरी से जुड़े स्टार्टअप लगातार सामने आ रहे हैं।

गोयनका ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि में वाहन क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा यदि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो विनिर्माण को एक हजार अरब डॉलर का योगदान देना होगा तथा वाहन क्षेत्र को पांच साल तक सालाना 14 प्रतिशत की दर से बढ़ना होगा।

Web Title: Mahindra MD Pawan Goenka ideas on mobility Indians use big cars move single person tata nano

हॉट व्हील्स से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे