बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आठ आरोपियों को 1 दिसंबर, 2021 को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जबकि एक अन्य सह-आरोपी सुधा भारद्वाज को जमानत दे दी गई थी। ...
एल्गार परिषद मामले में तीन साल से अधिक समय से जेल में बंद वकील और अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज मीडिया से बात नहीं कर पाएंगी क्योंकि एनआईए की विशेष अदालत ने उनकी जमानत की शर्तों में यह भी एक शर्त रखी है। ...
वकील और अधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज के वकील ने एनआईए अदालत ने उनकी आज ही रिहाई करने की मांग की जिसके बाद जज ने कहा कि आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद आदेश जारी किया जाएगा। ...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को भारद्वाज को डिफॉल्ट जमानत इस आधार पर दी थी कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत उनकी हिरासत एक सत्र अदालत द्वारा बढ़ा दी गई थी जिसके पास ऐसा करने की कोई शक्ति नहीं थी। ...
हाईकोर्ट ने निश्चित अवधि में आरोपपत्र दाखिल नहीं होने के आधार पर ही आठ अन्य आरोपियों की जमानत अर्जियां खारिज कर दी। इसमें सुधीर धवले, महेश राउत, वर्नन गोंजाल्विस, अरुण फरेरा, रोना विल्सन, शोमा सेन, सुरेंद्र गाडलिंग और वरवरा राव शामिल हैं। ...
एल्गार परिषद एवं माओवादियों से संबंध होने के मामले में आरोपी एक्टिविस्ट सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की याचिकाओं पर बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को जवाब दाखिल करने के लिए शुक्रवार को दो हफ्ते का वक्त दिया। याचिकाकर्ताओं ने मा ...
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आरोप लगाया है कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपियों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) जैसे प्रसिद्ध संस्थानों के छात्रों को आतंकवादी गतिविधि के ...
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एल्गार परिषद और माओवादियों के बीच संबंधों से जुड़े मामले में यहां एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किए गए मसौदा आरोपों में दावा किया है कि आरोपी अपनी खुद की सरकार बनाना चाहते थे और ‘‘देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते’’ थे ...