आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था और निधन 18 अगस्त 1945 को हुआ था। उन्होंने पहले भारतीय सशस्त्र बल की स्थापना की थी जिसका नाम आजाद हिंद फौज रखा गया था। Read More
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश के लिए उनके योगदान को याद किया। नेताजी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अंडमान और निकोबार के 21 बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया। ...
देशवासियों ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के 18 अगस्त, 1945 को ताइपेह में हुई विमान दुर्घटना में निधन की खबर को खारिज कर उन्हें अपनी स्मृतियों में जिंदा रखा। इस उम्मीद के साथ कि वे एक बार फिर अपना महानायकत्व प्रमाणित करते हुए लौट आएंगे। ...
गौरतलब है कि अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अहिंसक आंदोलन के केवल एक प्रकार के आख्यान को ही ‘‘शिक्षा, इतिहास और दंतकथाओं के माध्यम से लोगों पर थोपा गया है’’, जबकि भारत की स्वतंत्रता सशस्त्र क्रांतिकारियों के योगदान सहित ...
आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंद युवाओं को हमेशा प्रेरित करते रहते थे। ऐसे में उन्होंने देश के युवाओं के लिए कहा था ‘उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक कि मंजिल प्राप्त न हो जाए।’ ...
इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि जब सावकर को सजा मिली थी तब उस समय कांग्रेस नेताओं को जेल में आराम से रहने को दिया गया था। जिस तरीके से सावरकर को यातनाएं झेलनी पड़ी थी, वैसे कांग्रेस नेताओं को तकलीफ नहीं दी गई थी। ...
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, यह कदम तत्कालीन राजपथ से सत्ता के प्रतीक के रूप में कार्तव्य पथ को सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण होने का प्रतीक है। ...