ब्लॉग: युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं स्वामी विवेकानंद के मूलमंत्र, आइए उनकी जयंती पर जानते है उनके बारे में

By योगेश कुमार गोयल | Published: January 12, 2023 09:25 AM2023-01-12T09:25:07+5:302023-01-12T09:37:37+5:30

आपको बता दें कि स्वामी विवेकानंद युवाओं को हमेशा प्रेरित करते रहते थे। ऐसे में उन्होंने देश के युवाओं के लिए कहा था ‘उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक कि मंजिल प्राप्त न हो जाए।’

Swami Vivekananda motto is a source of inspiration for the youth swami jayanti | ब्लॉग: युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं स्वामी विवेकानंद के मूलमंत्र, आइए उनकी जयंती पर जानते है उनके बारे में

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsआज 12 जनवरी है यानी आज स्वामी विवेकानंद का जयंती है। स्वामी विवेकानंद को शुरू से देश के युवा शक्ति पर भरोसा रहा है। यही नहीं उनकी ओजस्वी वाणी सदैव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी रही है।

नई दिल्ली: किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की महती भूमिका के मद्देनजर ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1984 में ‘अंतर्राष्ट्रीय युवा वर्ष’ की घोषणा की गई थी. युवा शक्ति को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय युवा वर्ष की महत्ता को समझते हुए भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 12 जनवरी को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया और इस प्रकार 12 जनवरी 1985 से प्रतिवर्ष स्वामी विवेकानंद की जयंती को ही इस दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. 

स्वामी विवेकानंद के बारे में नेताजी और गुरूदेव ने भी कहा था

दरअसल सरकार का मानना था कि स्वामी विवेकानंद का दर्शन और उनके आदर्श देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का बहुत बड़ा स्रोत हो सकते हैं. नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने अपने एक वक्तव्य में स्वामीजी को आधुनिक भारत का निर्माता कहा था जबकि नोबल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर ने कहा था कि यदि आप भारत को जानना चाहते हैं तो विवेकानंद को पढ़िए क्योंकि उनमें आप सब कुछ सकारात्मक ही पाएंगे, नकारात्मक कुछ भी नहीं.

देश के विकास के लिए उन्होंने हमेशा युवा शक्ति पर किया भरोसा

12 जनवरी 1863 को कोलकाता में जन्मे स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिनकी ओजस्वी वाणी सदैव युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत बनी रही. उन्होंने देश को सुदृढ़ बनाने और विकास पथ पर अग्रसर करने के लिए सदैव युवा शक्ति पर भरोसा किया. युवा शक्ति का आह्वान करते हुए स्वामी विवेकानंद ने अनेक मूलमंत्र दिए, जो देश के युवाओं के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे. 

उनका कहना था, ‘‘ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी हैं. वो हम ही हैं, जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है. मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, आधुनिक पीढ़ी से मेरे कार्यकर्ता आ जाएंगे. डर से भागो मत, डर का सामना करो. यह जीवन अल्पकालीन है, संसार की विलासिता क्षणिक है लेकिन जो दूसरों के लिए जीते हैं, वे वास्तव में जीते हैं. जो भी कार्य करो, वह पूरी मेहनत के साथ करो. दिन में एक बार खुद से बात अवश्य करो, नहीं तो आप संसार के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति से मिलने से चूक जाओगे.’’

स्वामी जी ने युवा शक्ति को क्या दिया था मंत्र 

स्वामी विवेकानंद ने युवा शक्ति का आव्हान करते हुए मंत्र दिया था, ‘उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक कि मंजिल प्राप्त न हो जाए.’ स्वामी विवेकानंद ने सदैव अपने क्रांतिकारी और तेजस्वी विचारों से युवा पीढ़ी को ऊर्जावान बनाने, उसमें नई शक्ति एवं चेतना जागृत करने और सकारात्मकता का संचार करने का कार्य किया. 

युवाओं को धैर्य, व्यावहारिक शुद्धता, पक्षपात न करने की सीख देते थे स्वामी जी

युवाओं को उन्होंने धैर्य, व्यावहारिक शुद्धता, पक्षपात न करने, आपस में न लड़ने तथा सदैव संघर्षरत रहने का संदेश दिया. युवाओं को प्रेरित करते हुए वह कहा करते थे कि हमारे देश को नायकों की जरूरत है, अतः नायक बनो. तुम्हारा कर्तव्य है काम करते जाओ और फिर सभी तुम्हारा खुद अनुसरण करेंगे.
 

Web Title: Swami Vivekananda motto is a source of inspiration for the youth swami jayanti

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