सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। यह कानून भारत के सभी नागरिकों को सरकारी फाइलों/रिकॉडर्स में दर्ज सूचना को देखने और उसे प्राप्त करने का अधिकार देता है। जम्मू एवं कश्मीर को छोड़ कर भारत के सभी भागों में यह अधिनियम लागू है। सरकार के संचालन और अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन के मद में खर्च होने वाली रकम का प्रबंध भी हमारे-आपके द्वारा दिए गए करों से ही किया जाता है। यहां तक कि एक रिक्शा चलाने वाला भी जब बाज़ार से कुछ खरीदता है तो वह बिक्री कर, उत्पाद शुल्क इत्यादि के रूप में टैक्स देता है। इसलिए हम सभी को यह जानने का अधिकार है कि उस धन को किस प्रकार खर्च किया जा रहा है। यह हमारे मौलिक अधिकारों का एक हिस्सा है। Read More
बिहार के आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के रख रखाव में हो रहे खर्च की जानकारी मांगी गई थी. इस पर सामने आई जानकारी हैरान करने वाली है. ...
आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर द्वारा दायर एक आवेदन के जवाब में श्रीनगर में जिला पुलिस मुख्यालय के एक डीएसपी ने बताया कि 1990 में आतंकवाद की शुरुआत के बाद से हमलों में 89 कश्मीरी पंडित मारे गए थे। ...
13 अक्टूबर, 2021को तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने सभी जन सूचना अधिकारियों को निर्देश दिया था कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी देने से पहले वे अपने विभाग के प्रमुखों, मुख्य सचिवों और विशेष मुख्य सचिवों से मंजूरी लें. ...
राजद के नोखा से विधायक और पूर्व मंत्री अनीता देवी की सास सुकरा देवी की मौत 2007 में हो चुकी है. सुकरा देवी को अनीता देवी के ससुर जंगी चौधरी के आश्रित के तौर पर पेंशन दी जा रही है. ...
बिहार में वर्तमान में 991 ऐसे पूर्व विधायक हैं, जिनकी पेंशन पर नीतीश सरकार हर महीने 4,94,44,000 रुपये खर्च करती है. बिहार में कर्मचारियों के पेंशन खत्म कर दिए गए, लेकिन पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद और सांसदों के पेंशन में लगातार वृद्धि होती गई. ...
गोवा के राजस्व और वित्त विभागों ने ‘भूमि पुत्र’ से संबंधित विवादास्पद विधेयक पर आपत्ति जतायी थी और कहा था कि यह ‘‘प्रशासनिक रूप से मंजूर नहीं था’’ तथा विधानसभा में विधेयक पारित होने पर ‘‘अप्रत्याशित व्यापक प्रभाव’’ हो सकता है। सूचना का अधिकार ( आरटीआ ...
देश के शीर्ष बाल अधिकार निकाय के आंकड़ों के अनुसार, 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) में 720 से अधिक बच्चे अब तक कोविड-19 से संक्रमित हुए और किसी की भी मौत नहीं हुई। आंकड़ों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द् ...