बिहार विधानसभा में पेंशन घोटालाः मौत के बाद भी राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की भाभी के नाम पर हर माह 37500 रुपए पेंशन, जानें मामला
By एस पी सिन्हा | Published: October 19, 2021 07:03 PM2021-10-19T19:03:01+5:302021-10-19T19:04:52+5:30
राजद के नोखा से विधायक और पूर्व मंत्री अनीता देवी की सास सुकरा देवी की मौत 2007 में हो चुकी है. सुकरा देवी को अनीता देवी के ससुर जंगी चौधरी के आश्रित के तौर पर पेंशन दी जा रही है.
पटनाः बिहार विधानसभा में पूर्व विधायकों व उनकी पत्नी के नाम पर पेंशन घोटाला किये जाने का मामला सामने आया है. आरटीआई से मांगी गई जानकारी के बाद यह बात सामने आई है कि बिहार में लोकतंत्र के सबसे बडे़ मंदिर विधानसभा में करोड़ों का पेंशन घोटाला किया जा रहा है. जिसमें मृत विधायकों की पत्नी के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है.
सूचना के अधिकार(आरटीआई) के तहत यह मांगी गई जानकारी के अनुसार बक्सर के राजपुर से विधायक रहे स्व. रामनारायण राम की पत्नी गीता देवी के नाम पर हर महीने पेंशन मद में 46500 रु खाते में जा रहा है. यह फर्जीवाड़ा 2016 से लेकर अबतक किया जा रहा है. जबकि उनकी मौत हो चुकी है. उसीतरह से 20 साल पहले दुनिया छोड़ चुकीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की भाभी के नाम पर हर माह 37,500 रुपए पेंशन के रूप में जारी किया जा रहा है. जगदानंद सिंह के बडे़ भाई थे सच्चिदानंद सिंह विधायक थे.
उनके भतीजे व राजद विधायक सुधारक सिंह ने बताया कि बडे़ चाचा सच्चिदानंद सिंह की पत्नी सरस्वती देवी की मौत 20 साल पहले हो चुकी है, लेकिन बिहार विधानसभा कार्यालय के मुताबिक उन्हें अब भी 37,500 पेंशन प्रतिमाह दी जा रही है. वैसे, मौत के बाद भी पेंशन का लाभ उठाने वाले जगदानंद सिंह का परिवार इकलौता नहीं है.
राजद के नोखा से विधायक और पूर्व मंत्री अनीता देवी की सास सुकरा देवी की मौत 2007 में हो चुकी है. सुकरा देवी को अनीता देवी के ससुर जंगी चौधरी के आश्रित के तौर पर पेंशन दी जा रही है. खुद अनीता देवी बताती हैं कि उनकी सास की मौत 14 साल पहले हो चुकी है. बावजूद इसके उन्हें 46,500 पेंशन प्रतिमाह मिल रही है.
वहीं, पटना मध्य से विधायक और पटना के सांसद रहे पद्मश्री से सम्मानित शैलेन्द्र नाथ श्रीवास्तव की पत्नी वीणा श्रीवास्तव की मौत साल 2020 में हो चुकी है, लेकिन उनके नाम से पेंशन जारी है. उसी तरह से रामनारायण राम 1985 से लेकर 1995 तक राजपुर से विधायक रहे थे. 2016 में उनका निधन हो गया.
अब उनकी पत्नी के नाम पर पेंशन की राशि की निकासी हो रही है. विधानसभा सचिवालय की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार स्व. रामनारायण राम की पत्नी गीता देवी के नाम पेंशन मद में 46500 रु हर महीने खाते में जा रहा है, जबकि वह है ही नहीं. दरअसल, पूरे मामले का खुलासा आरटीआई से हुआ है.
आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने बिहार विधानसभा सचिवालय से पूछा था कि विधानसभा के पूर्व सदस्य जो पेंशन पाते हैं, उनकी मृत्यु के बाद आश्रित पत्नी-पति को पारिवारिक पेंशन दिया जाता है. उसकी सूची उपलब्ध करायें. विधानसभा सचिवालय की तरफ से 1 जुलाई 2021 को आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय को सूचना उपलब्ध कराई गई है.
जिसमें प्रशाखा पदाधिकारी मणिकांत निराला ने पूरी जानकारी दी है. इसी जानकारी से सच से पर्दा उठ गया और सिस्टम की पोल खुल गई है. शिवप्रकाश राय ने बताया कि बक्सर जिले में कुल 11 लोगों को पारिवारिक पेंशन दिया जा रहा. इनमें पहले नंबर पर स्व. रामनारायण राम की पत्नी गीता देवी के नाम पर 46500 रुपये का उठाव हो रहा है.
इसके अलावे स्वामीनाथ तिवारी को 47000, श्रीकांत पाठक को 47000, स्व. चतुरी राम की पत्नी परमदेई देवी को 35250, स्व. वीर बहादुर सिंह की पत्नी चिंता देवी को 35250, रामश्रय सिंह को 41000, मंजू प्रकाश को 62000, छेदी लाल राम को 47000, अजीत चौधरी को 77000, डॉ दाउद अली को 47000, सुखदा पांडेय को 62000 रुपये का पेंशन दिया जा रहा है. शिवप्रकाश राय के अनुसार यह सरकारी खजाने की लूट है. न जाने ऐसे कितने लोग हैं तो फर्जी पत्नी बनवाकर पेंशन की राशि का उठाव कर रहे हैं.
इसमें केवल लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला यानी विधानसभा भी कटघरे में है, क्योंकि बिना मिलीभगत के यह संभव नहीं. यहां बता दें कि बिहार विधानमंडल में चल रहे पेंशन घोटाले को पूर्व विधान पार्षद व भाजपा नेता कृष्ण कुमार सिंह ने भी सवाल उठाए थे.
उन्होंने सीधा आरोप लगाया था विधान मंडल में मेडिकल बिलों के भुगतान, कैंटीन व्यवस्था, इत्यादि तो कमीशन का खेल चलता है. सही मायने में बिहार विधानसभा और विधान परिषद काजल की कोठरी की तरह है. उन्होंने कहा था कि उनका पेंशन 2020 से नहीं दिया गया. इसमें खुद सुशासन बाबू की सहभागिता है.