भारतीय संसद का उच्च सदन राज्यसभा को कहते हैं। भारतीय संविधान के मुताबिक राज्यसभा में अधिकतम 250 सदस्य हो सकते हैं। मौजूदा समय में 245 सदस्यों का प्रावधान है। इसमें अधिकांश सदस्यों को जनता अप्रत्यक्ष रूप से चुनती है वहीं 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं। ये सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में हो सकते हैं। राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 6 साल का होता है। वहीं प्रत्येक दो साल में एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं। लोकसभा की तरह राज्यसभा कभी भंग नहीं होती। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। राज्यसभा के वर्तमान सभापति वेंकैया नायडू और उपसभापति नवनिर्वाचित हरिवंश हैं। Read More
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस बात को दोहराया है कि वे राज्यसभा नहीं जा रहे हैं. नीतीश ने कहा कि मीडिया में कई ऐसी खबरें छपती रहती हैं जिसे देख वे खुद हैरान होते रहते हैं. ...
वर्तमान में, 17वीं लोकसभा में महिला सांसदों का हिस्सा केवल 15 फीसदी और राज्यसभा में 12.2 फीसदी है। यह वैश्विक औसत 25.5 फीसदी से कम है। भारत के सभी राज्यों में कुल विधायकों में से केवल 8 फीसदी महिलाएं हैं। ...
बीते 31 मार्च को हुए द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव में जहां पहले ही राज्यसभा से चार सदस्यों की विदाई हो चुकी है तो वहीं जून और जुलाई में नौ अन्य सदस्य सेवानिवृत्त होंगे। आगामी चुनावों के बाद, इसकी संख्या घटकर 30 हो जाएगी, जो राज्यसभा में अब तक का सबसे न ...
राज्यसभा की वेबसाइट पर चुनाव के बाद नए आंकड़े की अधिसूचित जारी किया जाना अभी बाकी है, लेकिन हालिया चुनाव में भाजपा के खाते में आई तीन सीटों को उसकी मौजूदा संख्या 97 में जोड़ दें, तो राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 100 पर पहुंच जाएगी। राज्यसभा मे ...
Rajya Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी अनुभव की ताकत ज्ञान से ज्यादा होती है। ...
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को सदन में घोषणा की कि बृहस्पतिवार को सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होगा लिया जाएगा ताकि विभिन्न दलों के नेता और सदस्य इस अवसर पर बोल सकें। ...
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016, 2017, 2018, 2019 और 2020 के दौरान बाल विवाह के पंजीकृत मामलों की संख्या क्रमश: 326, 395, 501, 523 और 785 थी। ...