संसद में एक तिहाई महिला आरक्षण के लिए टीएमसी लाएगी विधेयक, लोकसभा में 15 तो राज्यसभा में केवल 12.2 फीसदी महिला सदस्य

By विशाल कुमार | Published: April 4, 2022 10:15 AM2022-04-04T10:15:26+5:302022-04-04T10:16:54+5:30

वर्तमान में, 17वीं लोकसभा में महिला सांसदों का हिस्सा केवल 15 फीसदी और राज्यसभा में 12.2 फीसदी है। यह वैश्विक औसत 25.5 फीसदी से कम है। भारत के सभी राज्यों में कुल विधायकों में से केवल 8 फीसदी महिलाएं हैं।

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संसद में एक तिहाई महिला आरक्षण के लिए टीएमसी लाएगी विधेयक, लोकसभा में 15 तो राज्यसभा में केवल 12.2 फीसदी महिला सदस्य

Highlightsमहिला आरक्षण विधेयक पहली बार 1996 में एचडी देवेगौड़ा सरकार ने लोकसभा में पेश किया था। 17वीं लोकसभा में महिला सांसदों का हिस्सा केवल 15 फीसदी और राज्यसभा में 12.2 फीसदी है।भारत के सभी राज्यों में कुल विधायकों में से केवल 8 फीसदी महिलाएं हैं।

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए एक विधेयक पारित करने की मांग को लेकर राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश करेंगे। ओ ब्रायन नियम 168 के तहत प्रस्ताव पेश करेंगे, जो सदस्यों को जनहित के मुद्दों को उठाने की अनुमति देता है।

वर्तमान में, 17वीं लोकसभा में महिला सांसदों का हिस्सा केवल 15 फीसदी और राज्यसभा में 12.2 फीसदी है। यह वैश्विक औसत 25.5 फीसदी से कम है। भारत के सभी राज्यों में कुल विधायकों में से केवल 8 फीसदी महिलाएं हैं।

महिला आरक्षण विधेयक पहली बार 1996 में एचडी देवेगौड़ा सरकार ने लोकसभा में पेश किया था। इसी तरह का विधेयक बाद में 1988, 1999 और 2008 में पेश किया गया था। 

2008 में विधेयक को राज्यसभा में पेश किया गया था और स्थायी समिति से गुजरने के बाद, 2010 में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था और लोकसभा को भेजा गया था। हालांकि, 2014 में 15वीं लोकसभा की समाप्ति के साथ ही विधेयक व्यपगत हो गया।

ओ ब्रायन ने कहा कि विधेयक इसलिए जरूरी हो गया है कि विश्व आर्थिक मंच की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 में भारत 156 देशों में 28 स्थान फिसलकर 140 पर आ गया है। ओ ब्रायन ने कहा कि मंत्री के रूप में महिलाएं जहां 2019 में 23 फीसदी से घटकर 2021 में 9.1 फीसदी हो गई। वर्तमान में हिस्सेदारी 14 फीसदी है।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 11 महिला मंत्री हैं जो 17 साल में सबसे ज्यादा हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 52 मंत्रियों वाली कैबिनेट में सिर्फ पांच महिलाएं हैं।

दूसरी ओर देश में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री टीएमसी से ही हैं और यह भी कि लोकसभा और राज्यसभा में उसके 34 फीसदी सांसद महिलाएं हैं।

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