एक उदाहरण बिहार में गंगा पर बन रहे पुल के मामले से जुड़ा है। यह पुल एक नहीं, दो नहीं, तीन बार ध्वस्त हुआ और हर बार दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार कहती रही और न कार्रवाई हुई, न समस्या दूर हुई। ...
यह विडंबना है कि कार्यपालिका भी उन सामंती बाहुबलियों के सामने सिर झुकाती है। मौजूदा नौकरशाही में गलत के सामने सच बोलने का साहस नहीं रहा। मैंने देखा है कि अच्छे और ईमानदार अफसरों से सामंती प्रवृत्ति वाले राजनेता भी खौफ खाते थे। ...
इस समय तक वैचारिक आधार कमजोर पड़ने लगा था और सियासत उद्योग की शक्ल लेने लगी थी। इसलिए पूंजी के दखल से खुद को न राष्ट्रीय पार्टियां मुक्त रख पाईं और न ही क्षेत्रीय दल अपने को बचा पाए। ...
लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के उद्देश्य से महिला आरक्षण विधेयक का करीब ढाई दशक बाद भी पारित नहीं हो पाना इसका उदाहरण है। महिला आरक्षण विधेयक को पहली बार 1996 में संसद में पेश किया गया था। ...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के दिल्ली आगमन पर भव्य स्वागत किया। इस मौके पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने सहित तमाम वैश्विक मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। इसके बाद विदेश मंत्री जयश ...
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार गुजरात में विधानसभा के लिए हो रहे चुनावों में खड़े कुल 1621 उम्मीदवारों में से बीस प्रतिशत यानी हर पांच में से एक उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाला है। यह अध्ययन उम्मीदवारों ...
प्रतिष्ठित राजनीतिशास्त्री रजनी कोठारी का विचार था कि राजनीति को अनिवार्यत: चुनावी खेल में घटा देने की अवधारणा और प्रवृत्ति ने लोकतंत्र की अंतर्वस्तु को सांप्रदायिक बहुसंख्यकवाद में बदल दिया है। उनका कहना था कि राज्य और नागरिक समाज के बीच मध्यस्थता क ...
आजकल हमारी प्रांतीय सरकारें लगभग 15 लाख करोड़ रु. के कर्ज में डूबी हुई हैं। वे रेवड़ियां बांटने में एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए उतावली हो रही हैं। कुछ सरकारों ने तो अपने नागरिकों को बिजली और पानी मुफ्त में देने की घोषणा कर रखी है। ...