विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी की विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर की वार्ता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 5, 2022 05:27 PM2022-12-05T17:27:26+5:302022-12-05T18:23:28+5:30
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के दिल्ली आगमन पर भव्य स्वागत किया। इस मौके पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने सहित तमाम वैश्विक मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। इसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर और जर्मन विदेशमंत्री एनालेना बेयरबॉक ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के दिल्ली पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया। भारत की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंची जर्मन विदेश मंत्री बेयरबॉक भारत के कई द्विपक्षीय मुद्दों पर सहयोग के विषय में गहन चर्चा करेंगी। आधिकारिक दौरे के पहले दिन जर्मन विदेश मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में राजघाट का दौरा किया और महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित की।
इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के बीच विभिन्न वैश्विक और द्विपक्षीय मसलों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने वार्ता के दौरान यूक्रेन संघर्ष, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और अफगानिस्तान में विकास सहित कई मुद्दों पर बातचीत की।
इसके साथ ही दोनों देशों के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता भी हुई। विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात के बाद जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और भारत के जी-20 प्रेसीडेंसी के संबंध में और साथ ही अन्य मुद्दों पर विस्तार से वार्ता हुई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट है कि यह युद्ध का युग नहीं है और इस विवाद का हल बातचीत के जरिये निकाला जाना चाहिए। इसके साथ ही जर्मनी की विदेश मंत्री के साथ हुई चर्चा पर जयशंकर ने कहा ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति और पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद पर पर भी बातचीत हुई।
जानकारी के अनुसार इस वार्ता के दौरान भारत और जर्मनी की विदेश मंत्रियों ने आपसी साझेदारी के समझौते पर हस्ताक्षर भी किये, जिससे दोनों देश में में अध्ययन और काम करने वाले एक-दूसरे देशों के नागरिकों को आसानी हो। जर्मन विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच गतिशीलता समझौते पर हस्ताक्षर अधिक समकालीन द्विपक्षीय साझेदारी के आधार का एक मजबूत संकेत है।
उन्होंने कहा कि हमारी रणनीतिक साझेदारी जो दो दशकों से अधिक पुरानी है, वो वास्तव में अधिक राजनीतिक आदान-प्रदान, निरंतर बढ़ते व्यापार, अधिक निवेश से और मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि आज हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों के अलावा दिन के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जिसमें यूक्रेन में संघर्ष, हिंद-प्रशांत सामरिक स्थिति भी शामिल रही।
इस दौरान विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यूरोपीय संघों ने फरवरी से नवंबर तक रूस से अगले 10 देशों की तुलना में अधिक जीवाश्म ईंधन का निर्यात किया है। यूरोपीय संघ में तेल का आयात भारत द्वारा आयात किए गए तेल का छह गुना है। गैस अनंत गुना है क्योंकि हम इसका आयात नहीं करते।
उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों की तुलना में रूस के साथ हमारा व्यापार महज 12-13 अरब डॉलर का है। हमने रूसियों को उत्पादों का एक सेट भी दिया है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को व्यापार बढ़ाने के लिए किसी भी व्यापारिक देश की वैध अपेक्षाओं के अलावा इसमें और अधिक जानना या समझना चाहिए। अपने बयान में विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत प्रशांत महासागर की पहल में भाग लेने के जर्मनी के फैसले का भी स्वागत किया, जिसे भारत ने 2019 में घोषित किया था।