भारतीय संसद (राज्य सभा और लोक सभा) की हर साल होने वाली तीन बैठकों को संसद सत्र कहते हैं। इन सत्रों में सभी विधायी कार्य पूरे किये जाते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा अंतराल नहीं होना चाहिए। इस वजह से हर साल संसद के कम से कम दो सत्र जरूर आयोजित होते हैं।संसद का बज़ट सत्र फ़रवरी से मई के बीच आहुत होता है। संसद का मॉनसून सत्र जुलाई से सितम्बर के बीच आहुत होता है। संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर से दिसंबर के बीच आयोजित होता है। बज़ट सत्र के दौरान भारत सरकार अपना सालाना या अंतरिम बज़ट पेश करती है। इस बज़ट में सरकार वार्षिक आय और व्यय का लेखा-जोखा पेश करती है। Read More
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को आगाह किया कि अल्पसंख्यकों का जिक्र करने के दौरान सिर्फ ‘मुस्लिम’ कहने से थोड़ा भ्रम पैदा होता है जबकि इस श्रेणी में सिख, बौद्ध, जैन और अन्य धर्म भी शामिल हैं। ...
संसद के दोनों सदनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी ओर से दिए गए एक बयान में जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा ‘‘अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा कि पाकिस्तान ने कौन्सुलर संबंधों पर वियना संधि के तहत प्रासंगिक दायित्वों ...
लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सदस्यों ने असम और बिहार में बाढ़ के कारण उत्पन्न स्थिति के मुद्दे को उठाया और सरकार पर स्थिति से ठीक ढंग से नहीं निपटने का आरोप लगाया। भाजपा ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया। ...
गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सदन को आश्वासन दिया कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद इसका किसी भी तरह से दुरुपयोग नहीं किया जाएग। ...
अमित शाह ने कहा कि मैं सदन को भरोसा देना चाहता हूं कि दुनिया में जहां पर भी भारतीयों के खिलाफ आतंकवाद का अपराध होगा तो वहां NIA की एजेंसी उसको डील करने में सक्षम होगी। ...
उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करेगा तथा आने वाले दिनों में इस संबंध में कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्ताव रखा जाएगा।’’ रेड्डी ने कहा कि राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों में बच्चों के साथ अपराध के 1.6 लाख मामले लंबित हैं। ...
इन सबकी मेहनत जोड़ दीजिए और फिर देखिए कि वे कितने घाटे में हैं...। उन्होंने कहा, ‘‘आज भी 65 प्रतिशत किसान गरीबी रेखा से नीचे है, क्या यह आप भूल गए हैं?’’ इस पर, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने जवाब में कहा, ‘‘मैंने बिल्कुल ऐसा नहीं कहा ...
तोमर ने यह भी कहा कि वह हमेशा इसे चलाये रखने के पक्षधर नहीं हैं क्योंकि यह योजना गरीबों के लिये है और मोदी सरकार का लक्ष्य गरीबी को खत्म करना है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े स्वयं सहायता समूहों का जिक्र करते हुए कहा कि इन स्वयं सहायता समूहों को ...