किसान जितना घाटे में है, उतना घाटे में कोई नहीं है, अन्य सारे धंधे फायदे में हैंः मुलायम ने सरकार से कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 17, 2019 04:13 PM2019-07-17T16:13:01+5:302019-07-17T16:13:01+5:30

इन सबकी मेहनत जोड़ दीजिए और फिर देखिए कि वे कितने घाटे में हैं...। उन्होंने कहा, ‘‘आज भी 65 प्रतिशत किसान गरीबी रेखा से नीचे है, क्या यह आप भूल गए हैं?’’ इस पर, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने जवाब में कहा, ‘‘मैंने बिल्कुल ऐसा नहीं कहा कि पूरा किसान खुशहाल हो गया है। बल्कि, (यह कहा कि) किसानों की चेहरे पर लाली आए।’’

As much as the farmer is in loss, there is no one in the deficit; all other businesses are in profit: Mulayam tells the government | किसान जितना घाटे में है, उतना घाटे में कोई नहीं है, अन्य सारे धंधे फायदे में हैंः मुलायम ने सरकार से कहा

सपा के वरिष्ठ नेता ने लोकसभा में कहा कि किसान आज भी सबसे ज्यादा गरीब है।

Highlightsउन्होंने कहा कि 6,000 रुपये की राशि दिए जाने से निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ी है।सपा सांसद ने कहा कि यदि किसी किसान परिवार में पांच सदस्य हैं और उनकी मेहनत को 365 दिनों में बांट कर देखा जाए तो मजदूरी बहुत कम पड़ती है।

समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने देश में किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए लोकसभा में बुधवार को सरकार से सवाल किया कि अभी सारे धंधे फायदे में हैं, लेकिन किसान घाटे में है, 65 प्रतिशत किसान गरीबी रेखा से नीचे है.. क्या केंद्र सरकार यह भूल गई है।

सपा के वरिष्ठ नेता ने लोकसभा में कहा कि किसान आज भी सबसे ज्यादा गरीब है। यदि वे लोग (कृषि कार्यों में) अपने परिवार की भी मेहनत जोड़ दें तो किसान जितना घाटे में है, उतना घाटे में कोई नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ अन्य सारे धंधे फायदे में हैं लेकिन किसान घाटे में है।’’

मुलायम ने निचले सदन में ‘वर्ष 2019-20 के लिए ग्रामीण विकास तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा के दौरान संबद्ध मंत्री से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि (खेती में) किसान की पत्नी मेहनत करती हैं, उनके बच्चे भी मेहनत करते हैं।

इन सबकी मेहनत जोड़ दीजिए और फिर देखिए कि वे कितने घाटे में हैं...। उन्होंने कहा, ‘‘आज भी 65 प्रतिशत किसान गरीबी रेखा से नीचे है, क्या यह आप भूल गए हैं?’’ इस पर, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने जवाब में कहा, ‘‘मैंने बिल्कुल ऐसा नहीं कहा कि पूरा किसान खुशहाल हो गया है। बल्कि, (यह कहा कि) किसानों की चेहरे पर लाली आए।’’

उन्होंने कहा कि 6,000 रुपये की राशि दिए जाने से निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ी है। सपा सांसद ने कहा कि यदि किसी किसान परिवार में पांच सदस्य हैं और उनकी मेहनत को 365 दिनों में बांट कर देखा जाए तो मजदूरी बहुत कम पड़ती है।

उन्होंने किसानों के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं को गिनाते हुए कहा, ‘‘लेकिन इसे (किसानों के फायदे को) बढ़ाने के लिए ‘‘शनै: शनै: कोशिश’’ जारी है। चौतरफा प्रयास किया जा रहा है। फसलों का विविधिकरण हो...।’’

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि हिन्दुस्तान में रोजाना 36 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कृषि सिंचाई क्षेत्र में कमी आ रही है। बागवानी में कमी आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर- पूर्व के राज्यों में कृषि कार्य के लिए एक प्रतिशत से भी कम रिण वितरण हो रहा है। यह कैसा भेदभाव है? 

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