भारत में जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश करता है। इसके लिए वह सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित में सूचना देता है। इसके बाद स्पीकर उसी दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है। अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। Read More
लोकसभा से अपने निलंबन पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं सुप्रीम कोर्ट जा सकता हूं। मणिपुर में हालात को अब भी बेहद चिंताजनक बताते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि मणिपुर से करीब 5000 आधुनिक हथियार लूटे गए, जो हिंदुस्तान में ...
संसद की लोकसभा में बीते दिवस सत्तापक्ष और विपक्ष के रणबांकुरों में हुए संबोधन रण को देशभर के लोगों ने सुना लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यह रण कोई पहली बार नहीं हुआ। ...
विपक्ष की अनुपस्थिति में ये अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से अस्वीकृत हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में लगभग ढाई घंटे का जोरदार भाषण दिया और लगभग हर मुद्दे पर बोले। पीएम के भाषण पर पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने सदन से बाहर निकल कर प्रतिक्रिया भ ...
अविश्वास प्रस्ताव पर जब वोटिंग की बारी आई तो विपक्ष सदन में मौजूद ही नहीं था। पीएम मोदी के भाषण के बाद अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया गया। विपक्ष की अनुपस्थिति में ये प्रस्ताव ध्वनि मत से अस्वीकृत हो गया। ...
लोकसभा में पीएम ने कहा कि कश्मीर आतंकवाद की आग में दिन-रात सुलग रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार का कश्मीर के आम लोगों पर विश्वास नहीं था। ये हुर्रियत, अलगाववादियों और पाकिस्तान का झंडा लेकर चलने वालों पर विश्वास करते थे। ...
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे और आखिरी दिन पीएम मोदी ने लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि फील्डिंग विपक्ष ने की लेकिन चौके-छक्के सत्ता पक्ष की तरफ से लगे। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर नो बॉल फेंक रहा है। इधर से सेंचुरी लग रही है। ...