मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले एस जयशंकर का जन्म दिल्ली में हुआ। उनके दिवंगत पिता के. सुब्रमण्यम भारत के प्रमुख रणनीतिक विश्लेषकों में से एक माने जाते रहे हैं। एस. जयशंकर की शिक्षा एयरफोर्स स्कूल और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में हुई। जयशंकर ने पॉलिटिकल साइंस से एमए करने के अलावा एम फिल और पीएचडी भी किया है। वह इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटिजक स्टडी लंदन के भी सदस्य हैं। 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी एस. जयशंकर की विदेश मामलों में अच्छी पैठ है और वे काफी तेज-तर्रार अफसर माने जाते हैं। एस. जयशंकर को जनवरी 2015 में केंद्र सरकार ने विदेश सचिव बनाया था। Read More
भारत और चीन, दोनों ही देश एससीओ के सदस्य हैं। रूस की राजधानी में बुधवार से बृहस्पतिवार तक हो रही एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के मेजबान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव हैं। ...
जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ अपनी मुलाकात को ‘उपयोगी’ करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘तेहरान में रुकने के दौरान ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ के साथ उपयोगी बैठक हुई। द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई और क्षेत्रीय घटनाक्रमों का जायजा लिया गया। ब ...
चीन के सरकारी अखबार ने इस लेख में यह भी लिखा है कि अब भारत को गंभीरता से चेतावनी देने की जरूरत है। भारत को यह बताने की जरूरत है कि आपने अब हदें पार कर दी हैं! ...
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटने के कदम के जरिये सीमा पर तेजी से शांति बहाली के उद्देश्य के साथ भारतीय पक्ष से गंभीरता से जुड़े।’’ ...
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि अमेरिकी चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप या डेमोक्रेट पार्टी ने जो बाइडेन में से भारत के लिए कौन बेहतर होगा। ...
पिछले दिनों भारत के तीनों सेनाओं के एक दल ने जून में मॉस्को में ऐतिहासिक रेड स्कवायर पर आयोजित विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया था। ...
द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और महामारी के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया तब आई है जब एक विशिष्ट घटना के कारण पर्याप्त व्यवधान उत्पन्न हो गया। ...