चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दी धमकी, सरहद पर भारतीय सेना का दुस्साहस भरा दांव पड़ेगा उल्टा

By अनुराग आनंद | Published: September 8, 2020 04:20 PM2020-09-08T16:20:49+5:302020-09-08T16:20:49+5:30

चीन के सरकारी अखबार ने इस लेख में यह भी लिखा है कि अब भारत को गंभीरता से चेतावनी देने की जरूरत है। भारत को यह बताने की जरूरत है कि आपने अब हदें पार कर दी हैं!

China's official newspaper Global Times threatens, the Indian army will be betrayed on the outskirts | चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दी धमकी, सरहद पर भारतीय सेना का दुस्साहस भरा दांव पड़ेगा उल्टा

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsविदेश मंत्रालय ने चीन के LAC पर फायरिंग के आरोपों को खारिज किया है।भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य उकसावे के चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज किया है।एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि चीन के साथ सीमा पर बनी स्थिति को पड़ोसी देश के साथ समग्र रिश्तों की स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता।

नई दिल्ली: चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को धमकी दी है। अखबार के संपादकीय में लिखा गया है कि 7 सितंबर को भारतीय सेना ने पहले गोली चलाकर चीनी सेना को उकसाने की कार्रवाई की है। भारतीय सेना के इस कार्रवाई से सीमा पर शांति को बनाए रखने के लिए किया गया 40 साल पुराना रिश्ता खराब हुआ है।

इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में 'भारतीय सेना का दुस्साहस भरा दांव पड़ेगा उल्टा' (Indian border troops’ bravado will backfire: Global Times editorial) हेडलाइन से लिखे लेख में कहा गया है कि भारतीय सेना को अब सीमा पर खून-खराबे के एक नए युग के लिए तैयार रहना चाहिए। 

सरकारी अखबार ने इस लेख में यह भी लिखा है कि अब भारत को गंभीरता से चेतावनी देने की जरूरत है। भारत को यह बताने की जरूरत है कि आपने अब हदें पार कर दी हैं! आपकी सीमा पर तैनात सेना ने एलएसी को क्रास कर दिया है! इस तरह कर भारतीय सेना पीएलए लोगों के आत्मविश्वास की परीक्षा ले रहा है। 

साथ ही संपादकीय में बातचीत से समस्या के समाधान पर भी जोर दिया गया है। कहा गया है कि चीन भारत से युद्ध नहीं चाहता है लेकिन यदि ऐसी कार्रवाई भारत करता है तो चीन युद्ध से बचने के लिए शांत नहीं रहेगा।  

चीन के साथ रिश्तों पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कही ये बात 

चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मॉस्को में संभावित वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि चीन के साथ सीमा पर बनी स्थिति को पड़ोसी देश के साथ समग्र रिश्तों की स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता। विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर’ करार दिया और कहा कि ऐसे हालात में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘बहुत बहुत गहन विचार-विमर्श’ की जरूरत है। वह अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस के एक संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने अपनी नयी प्रकाशित पुस्तक ‘द इंडिया वे’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सीमा की स्थिति को संबंधों की स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता। मैंने इस पुस्तक को गलवान घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पहले लिखा था।’’ पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को संघर्ष में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव काफी बढ़ गया था।

भारत ने कभी पार नहीं की एलएएसी: भारतीय सेना

भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य उकसावे के चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।

पीएलए ने सोमवार देर रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पेगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए “खराब तरीके से गोलियां चलाईं।” एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।

Web Title: China's official newspaper Global Times threatens, the Indian army will be betrayed on the outskirts

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