उड़ीसा राज्य का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है। उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है। ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व भी है। इसमें भाग लेने के लिए, इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों, लाखों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, नारी देश के सुदूर प्रांतों से आते हैं। Read More
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते वर्षों से निरंतर चली आ रही पुरी रथ यात्रा को इस बार सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त अनुमति दे दी है। लिहाजा इस बार इसका बदला हुआ स्वरूप दिखाई देगा। यह रथयात्रा 23 जून को होगी। पुरी की ये रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है। इसे देखने ...
सुप्रीम कोर्ट पुरी रथयात्रा पर रोक लगा चुकी है। हालांकि, कई लोगों ने कोर्ट से पुनर्विचार का आग्रह किया है। वहीं, दूसरी ओर एप्पल का सबसे बड़ा सालाना इवेंट आज से शुरू होने जा रहा है। पढ़िए आज की पांच बड़ी खबरें... ...
कोरोना वायरस महामारी की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को प्रस्तावित वार्षिक जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं ...