जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा- परमिशन दी तो भगवान जगन्नाथ माफ नहीं करेंगे

By गुणातीत ओझा | Published: June 18, 2020 01:21 PM2020-06-18T13:21:12+5:302020-06-18T14:18:29+5:30

कोरोना वायरस महामारी की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को प्रस्तावित वार्षिक जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

supreme court stays puri rath yatra scheduled to begin on june 23 | जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, कहा- परमिशन दी तो भगवान जगन्नाथ माफ नहीं करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर लगाई रोक।

Highlightsकोरोना वायरस महामारी की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को प्रस्तावित वार्षिक जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर रोक लगा दी है।सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

Jagannath Puri Rath Yatra: हर साल धूम-धाम से निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की पुरी रथयात्रा पर कोरोना संकट के चलते रोक लगा दी गई है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून को प्रस्तावित वार्षिक जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस साल रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की पीठ ने रथ यात्रा से जुड़ी सभी गतिविधियों पर रोक लगाई है। इस फैसले को सुनाते हुए कोर्ट ने कहा 'अगर हम इस साल यात्रा की अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।' पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'सबसे स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए इस वर्ष रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है।' पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के एक अनुरोध को भी ठुकरा दिया क्योंकि मंदिर प्रबंधन ने नियमों का पालन करने के बाद कुछ रस्में निभाने के लिए छूट दी जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ओडिशा विकास परिषद एनजीओ द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। इस याचिका के जरिए अदालत को बताया गया था कि रथ यात्रा जैसे अक्षय तृतीया और स्नान पूर्णिमा’ सरीखे सभी अनुष्ठानों को ओडीशा सरकार द्वारा जारी रखने की अनुमति दी गई है। याचिका में कहा गया है कि कि ऐसी संभावना है कि लाखों लोगों की रथ यात्रा की भी अनुमति दी जाएगी। याचिका में यह भी बताया गया कि बीते साल इसमें 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। याचिका में कहा गया था कि अगर इस साल ऐसा हुआ तो परिणाम भयावह होंगे।

श्रद्धालुओं के बिना भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकालने का सुझाव

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति (एसजेटीएमसी) ने ओडिशा सरकार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर श्रद्धालुओं के बिना पुरी में वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकालने का सुझाव दिया था। रथयात्रा पुरी में 23 जून को प्रस्तावित है। ओडिशा सरकार ने समिति की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे को पुरी के लिये ट्रेनें नहीं चलाने को कहा था। पारंपरिक रूप से भगवान के प्रधान सेवक माने जाने वाले गजपति महाराज दिव्यसिंह देव की अध्यक्षता में समिति ने सिफारिश की थी कि राज्य सरकार इस वार्षिक महोत्सव के सीधे प्रसारण का प्रबंध करे ताकि दुनियाभर के लाखों श्रद्धालु टीवी पर इसे देख सकें।

भुवनेश्वर से पुरी को जाने वाली ट्रेनों का संचालन बंद

देव ने कहा था कि पुरी में ग्रांड रोड पर 12वीं सदी के मंदिर के सामने श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बिना रथयात्रा निकालने का सुझाव दिया गया है। इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को करना है। वहीं पूर्वी तटीय रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओडिशा सरकार की ओर से मिली सलाह के आधार पर हमने भुवनेश्वर से पुरी को जाने वाली ट्रेनें नहीं चलाने का फैसला लिया है। अधिकारी ने कहा कि एक जून से शुरू हो रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस पुरी की जगह भुवनेश्वर से शुरू होगी। सियालदाह-पुरी दुरंतो एक्सप्रेस भी भुवनेश्वर से चलेगी।

Web Title: supreme court stays puri rath yatra scheduled to begin on june 23

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे