अधिनियम में संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 का संशोधन किया गया है और एक उपबंध जोड़ा गया है जो राज्यों को ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर किसी भी वर्ग के नागरिकों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान’’ बनाने का अधिकार देता है। ...
जावड़ेकर ने जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि आर्थिक न्याय दिलाने की दिशा में यह क्रांतिकारी निर्णय है। किसी भी जाति समूह के गरीब को आर्थिक न्याय देने का यह क्रांतिकारी निर्णय है और इस पर अमल करना शुरू कर दिया गया है। ...
प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, “14 जनवरी को उत्तरायण शुरू होने के साथ सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।” ...
लोहिया के दर्शन के अनुसार, गरीब के अंदर दो तरह की भूख है... एक रोटी से जुड़ी पेट की भूख और दूसरा सम्मान से जुड़ी मन की भूख। पिछड़े और दलित दोनों तरह की भूख से पीड़ित हैं जबकि ऊंची जाति के गरीब पेट की भूख से पीड़ित हैं। ...
BLOG ON General Category Reservation:किसी ने नहीं पूछा कि इतने बड़े सपने का न तो पिछले यानी 2014 के चुनाव में जिक्र किया न इन चार साल नौ महीने के शासन काल में? फिर क्यों लगा इतना वक्त? इतना बड़ा सपना तो पार्टी के घोषणा-पत्न का प्रमुख बिंदु होना चाहि ...
संसद ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। ...
राज्यसभा ने करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद बीते दिन बुधवार को संविधान (124 वां संशोधन), 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी। इससे पहले सदन ने विपक्ष द्वारा लाए गए संशोधनों को मत विभाजन के बाद नामंजूर कर दिया गया था। ...