चक्रवाती तूफान फोनी साल 1999 में ओडिशा में आये सुपर साइक्लोन के बाद से सबसे भीषण तूफानों में से एक है। फोनी तूफान ओडिशा के पुरी के करीब तट से शुक्रवार (3 मई) को टकरायेगा। इस तूफान से ओडिशा सहित आंध्र और पश्चिम बंगाल प्रभावित हैं। जानकारों के अनुसार तूफान के ओडिशा के समुद्री तट से टकराते समय हवा की रफ्तार 170 से 180 किमी व अधिकतम 200 किमी प्रति घंटा रह सकती है। ओडिशा राज्य सरकार ने 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा और लोगों से शुक्रवार को घरों में रहने की सलाह दी है। Read More
हॉकी इंडिया ने गुरुवार को कहा कि वह आगामी एफआईएच पुरुष हॉकी सीरीज फाइनल्स के मैचों की टिकटों की बिक्री से होने वाली कमाई ओड़िशा सरकार को दान करेगा। ...
स्थानीय भाषाओं में भेजे गए कुछ संदेशों में कहा गया था ‘‘पशुओं और कुक्कुट पक्षियों को सुरक्षित जगहों पर रखें। फसल की कटाई का काम फिलहाल टाल दें और काटे गए फसल उत्पाद को सुरक्षित स्थान पर रखें।’’ ...
टूटे हुए घरों से झांकती तबाही , चारों तरफ बिखरी गंदगी, सड़ती मछलियों की दुर्गंध और जाल की ही तरह उलझकर रह गई जिंदगी ....। कुल जमा यही तस्वीर है पुरी में मछुआरों की इस बस्ती की, जिसमें बसे करीब 30,000 लोगों की जिंदगी हाल ही में आए फोनी चक्रवात के कारण ...
सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट में फोनी तूफान से संबंधित राहत उपायों, राज्य में पेयजल आपूर्ति, मौसमी हालात, सूखे, रोजगार की स्थिति तथा मनरेगा पर विचार विमर्श किया जाएगा। ...
तीन मई को ओडिशा पर फोनी चक्रवात का कहर टूटा, जिसने कारगिल बस्ती में रहने वाले एक हजार से ऊपर गरीब परिवारों के सामने कई संकट पैदा कर दिये हैं । इनमें करीब 45 ट्रांसजेंडर और कुछ यौन कर्मी भी हैं जो पिछले दस दिन से पाई पाई को मोहताज हैं। ...
भीषण चक्रवात फोनी से ओडिशा को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए नौ सदस्यीय केन्द्रीय दल यहां पहुंच गया। अंतर मंत्रालयी दल की अगुवाई गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विवेक भारद्वाज कर रहे हैं। यह दल सोमवार से प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लेना आरंभ ...
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ओडिशा जाकर फोनी तूफान से हुए नुकसान का जायजा लिया था। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से ओडिशा को एक हजार करोड़ की मदद का भी ऐलान किया गया। ...
डिवीजनल वन अधिकारी अशोक मिश्रा ने बताया ''शहर में बिखरे पेड़ों को देखकर हमारे आंसू निकल आए क्योंकि इन्हें बच्चों की तरह हमने बड़ा किया था। अब जो गिने—चुने पेड़ बच गए हैं , उनके रिहैबिलिटेशन में हमारी 40 सदस्यीय टीम जुटी हैं। ...