भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण में दो टीकों में एक कोविशील्ड भी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में इस टीके को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है। यह वैक्सीन आम सर्दी-जुकाम वाले वायरस के एक कमजोर रूप से बनी है। जब वैक्सीन लगती है तो वह इम्युन सिस्टम को किसी कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। यह वैक्सीन दो डोज में चार और 12 हफ्तों के अंतराल पर लगती है। इसे भी 2 डिग्री से 8 डिग्री के बीच स्टोर किया जा सकता है। Read More
इस महीने की शुरुआत में केरल हाईकोर्ट ने पैसे देकर वैक्सीन लगवाने वालों को भी ठीक उसी तरह से कम अंतराल पर दूसरी खुराक लगवाने का विकल्प उपलब्ध कराने का आदेश दिया था, जैसे विदेश जाने वालों को मिल रहा है. ...
नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि कोविशील्ड को मान्यता न देना एक भेदभावपूर्ण नीति है और ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हमारे नागरिकों को प्रभावित करती है. विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव के सामने इस मुद्दे को ...
Coronavirus Vaccination: कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके की दो खुराक काफी प्रभावी हैं। पहले भारत में पता चला और अब ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में भी इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। ...
कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार था। आईसीएमआर की रिसर्च में अब ये बात सामने आई है कि टीका ले चुके लोगों में भी डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण हो सकता है। मौत का खतरा जरूर हालांकि कम हो जाता है। ...
डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में अब तक ऐसे कोई लक्षण नहीं दिखे जो डेल्टा से अलग हों. कोविड के डेल्टा वेरिएंट में जैसे पेटदर्द, उल्टी, भूख न लगना, जोड़ों में दर्द जैसी दिक्कतें देखी गई हैं, वहीं लक्षण डेल्टा प्लस में भी सामने आए हैं. ...
भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स डोज पर शोध को लेकर मंजूरी दे दी गई है। इसे लेकर पहले भी कई बार बातें होती रही हैं। हाल में इसी से संबंधित आईसीएमआर का भी एक शोध सामने आया था। ...
यह ऐसे समय में एक महत्वपूर्ण कदम है जब कई राज्य अंतर-राज्यीय यात्रा के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र पर जोर दे रहे हैं, और कई प्रतिष्ठान लोगों की एन्ट्री तभी कर रहे हैं जब उनके पास टीकाकरण का प्रमाण हो। ...