भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण में दो टीकों में एक कोविशील्ड भी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में इस टीके को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है। यह वैक्सीन आम सर्दी-जुकाम वाले वायरस के एक कमजोर रूप से बनी है। जब वैक्सीन लगती है तो वह इम्युन सिस्टम को किसी कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। यह वैक्सीन दो डोज में चार और 12 हफ्तों के अंतराल पर लगती है। इसे भी 2 डिग्री से 8 डिग्री के बीच स्टोर किया जा सकता है। Read More
सरकार ने शुक्रवार को संसद को सूचित किया कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोविड -19 के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह वर्तमान में विचार-विमर्श कर रहे हैं और कोविड -19 के खिलाफ बूस्टर खुराक की आवश्यकता पर विचार किया जा रहा ...
एजेंसी ने नवीनतम तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका- भारत में कोविशील्ड नाम से- और फाइजर/बायोनटेक टीके की दो खुराक मौजूदा समय में सबसे अधिक प्रसारित कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के मुकाबले लक्षण वाले संक्रमण में ‘बहुत कम सुरक्षा’ द ...
यह बात महत्वपूर्ण है कि किसी देश में शोध एवं नवाचार की स्थिति के आधार पर उस देश में विभिन्न देशों के उद्यमी और कारोबारी अपने उद्योग-कारोबार शुरू करने संबंधी निर्णय लेते हैं। ...
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हम चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल के कर्मचारियों, अस्पतालों का आभार प्रकट करते हैं। 100 करोड़ खुराक के लिए पूरा देश उनका कृतज्ञ है।’’ ...
जायडस कैडिला की कोरोना की वैक्सीन ZyCoV-D की कीमत को कम कराने को लेकर सरकार कंपनी बातचीत कर रही है। भारत में 12 से 18 साल के बच्चों को ये वैक्सीन दिया जा सकता है। ...