आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
पाकिस्तान अवैध तरीके से उन पर कब्जा कर रखा है। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों का नियंत्रण है। रावत ने कहा कि कश्मीर में हम जनजीवन सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उसे बाधित करने की कोशिशें की जा रही हैं। ...
फैसल ने अहलूवालिया से कहा कि भारत के संघर्ष विराम का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने ‘‘24 अक्टूबर को शाहकोट और खुईरट्टा सेक्टरों में बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और भारतीय सेना की बि ...
यह याचिका मुजफ्फर इकबाल खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई है। इस याचिका में कहा गया है कि मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग और विधान परिषद को काम करने से रोका गया है। ...
‘दक्षिण एवं मध्य एशिया’ मामलों की कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने पत्रकारों से कहा कि अमेरिका घाटी की स्थिति को लेकर ‘‘बेहद चिंतित’’ हैं. ...
सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने का प्रस्ताव स्वीकार करने का श्रेय सिंह ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को दिया। ...
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति एन वी रमण की अगुवाई वाली एक पीठ जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद राज्य में लगाई गई पाबंदियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। ...
सुनवाई के दौरान जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उच्चतम न्यायालय से कहा 'पाबंदियों की रोज समीक्षा की जा रही है और करीब 99 प्रतिशत इलाकों में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।' इसके साथ ही प्रशासन ने कहा कि इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी है क्योंकि सीमा पार से इसका दुरू ...