आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
डॉ भीमराव आंबेडकर भारत के पहले कानून मंत्री थे। उन्होंने 27 सितम्बर 1951 को जवाहरलाल नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। अपने इस्तीफे के बाद डॉ आंबेडकर ने सदन में उसका कारण बताने के साथ ही देश के अहम मुद्दों पर अपनी राय से नेहरू सरकार को अवगत कराया ...
निचले सदन में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर संबंधी संकल्प पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा, ‘‘आप कहते हैं कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक विषय है। 1948 से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) राज्य संबंधी स्थिति की निगरानी कर रहा है, यह बुनियादी प्र ...
राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी है। ...
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव संसद में रखा। ...
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव रखा। ...
राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को समाप्त करने वाले प्रस्ताव को और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किए जाने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। ...
डॉ. आंबेडकर ने अपना पूरा जीवन शोषितों, वंचितों और दलितों के उत्थान में लगा दिया और जीवन भर उनके हक की लड़ाई लड़ते रहे। आरक्षण को लेकर लोगों में आपसी मतभेद हो सकता है पर बाबा साहेब की मेधा, प्रतिभा, व्यक्तित्व की गहराई, विपुल अध्ययन और दूरदर्शिता जैसे ...