आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
लोकसभा में मंगलवार (6 जुलाई) को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव लोकसभा में पारित हो गया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी फैसल शाह की राजनीतिक पार्टी ‘जम्मू एंड ...
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव लोकसभा में पारित हो गया है। पक्ष में 351 वोट पड़े जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। वहीं, लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को भी पास कर दिया गया है। इसके पक्ष में 366 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 66 ...
खान ने कहा कि इस दृष्टिकोण से ‘‘एक बार फिर पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं। मैं आशंका जता चुका हूं, यह होगा। एक बार फिर वे हम पर दोष मढ़ेंगे। वे हम पर फिर हमला कर सकते हैं और हम जवाब देंगे।’’ खान ने सांसदों से कहा, ‘‘फिर क्या होगा? जंग कौन जीतेगा ? कोई ...
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया और प्रस्ताव दिया कि राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटा जाए। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बीजिंग में कश्म ...
सोची समझी रणनीति के तहत आरटीआई संशोधन और तीन तलाक विधेयक को कुछ दिन पहले लाया गया और सरकार ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के ऊपरी सदन में बहुमत नहीं होने के बावजूद इन विधेयकों को सफलातपूर्वक पारित करा लिया। ...
मुख्तार अब्बास नकवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हेडलेस कांग्रेस अब ब्रेनलेस हो गई है। आप कैसे कह सकते हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है और यह हमारा आतंरिक मामला नहीं है?’’ ...