आज हम सभी को दशकों पहले की उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बारे में विचार करना चाहिए, जिनका प्रो. स्वामीनाथन ने डटकर सामना किया और हमारे देश को आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास के मार्ग पर आगे ले गए। ...
खेतों की सिंचाई के पारंपरिक तरीकों में पानी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है, जबकि अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके उससे कई गुना कम पानी में भी फसल ली जा सकती है। सबसे चिंताजनक पहलू है बारिश के पानी का संपूर्ण उपयोग न हो पाना। ...
अगस्त और सितंबर सेब की फसल के लिए दो महत्वपूर्ण महीने हैं। इन दो महीनों के दौरान, नियमित बारिश से फलों को आकार और रंग प्राप्त करने में मदद मिलती है। सूखा फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। ...
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्याज निर्यात पर केंद्र सरकार द्वारा लगाये गये 40 फीसदी निर्यात शुल्क पर कहा कि किसानों को उसे लेकर कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। ...
देश में अनाज भंडारण क्षमता फिलहाल 1,450 लाख टन है। सरकार ने इसे अब बढ़ाकर 2,150 लाख टन तक ले जाने का फैसला किया है। इसके लिए हर ब्लॉक में 2000 टन भंडारण क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे। ...
अपने देश के किसानों की दुर्दशा देख मुझे रोना आता है. हम हर क्षेत्र में तरक्की कर रहे हैं. हमारे पास बेहतर तकनीक है. फिर भी हमारे किसान इतने लाचार क्यों बने हुए हैं. आखिर क्यों वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं? ...