मोदी कैबिनेट ने विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी दी, हर ब्लॉक में बनेंगे गोदाम
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 31, 2023 04:29 PM2023-05-31T16:29:26+5:302023-05-31T16:30:48+5:30
देश में अनाज भंडारण क्षमता फिलहाल 1,450 लाख टन है। सरकार ने इसे अब बढ़ाकर 2,150 लाख टन तक ले जाने का फैसला किया है। इसके लिए हर ब्लॉक में 2000 टन भंडारण क्षमता के गोदाम बनाए जाएंगे।
नई दिल्ली: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार, 31 मई को "सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना" को मंजूरी दी। इस बैठक में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की करोड़ो की कई अन्य योजनाओं को मंजूरी दी गई। इन मंत्रालयों की विभिन्न योजनाओं में तालमेल के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को भी मंजूरी दी गई।
इस बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "आज की कैबिनेट बैठक में सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर निर्णय लिया गया है। सहकारी क्षेत्र में खाद्यान्न भंडारण क्षमता 700 लाख टन बढ़ाने के लिये एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी। यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी। पीएम के विजन के अनुरूप सहकारी समितियों को गतिशील बनाने के लिए कई कदम उठाए गए। हर ब्लॉक में 2000 टन भंडारण क्षमता का गोदाम बनाया जाएगा।"
Union Cabinet chaired by Prime Minister Narendra Modi, today approved the constitution and empowerment of an Inter-Ministerial Committee for facilitation of the “World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector” by convergence of various schemes of the Ministry of…
— ANI (@ANI) May 31, 2023
बता दें कि देश में अनाज भंडारण क्षमता फिलहाल 1,450 लाख टन है। सरकार ने इसे अब बढ़ाकर 2,150 लाख टन तक ले जाने का फैसला किया है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, भारत विश्व में अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी बड़े उत्पादक देशों जैसे चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटीना आदि के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता उपलब्ध है, लेकिन भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता, वार्षिक उत्पादन का केवल 47% है। परिणामस्वरूप अनाज की बर्बादी होती है और किसानों को डिस्ट्रेस सेल करनी पड़ती है। देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है। इस कदम का उद्देश्य भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को संकट के समय अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने से रोकना, आयात पर निर्भरता कम करना और गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना है। अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिए परिवहन लागत कम होगी और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।"