नई दिल्ली, 2 जुलाई। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन के अगले उपसभापति के नाम पर सत्तापक्ष और विपक्षी पार्टियों से आम सहमति बनाने की सोमवार को अपील की। नायडू ने राज्यसभा के निवर्तमान उपसभापति पी जे कुरियन के विदाई कार्यक्रम में यह बात कही। इसमें पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विभिन्न दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा , ‘‘मुझे उम्मीद है कि सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियां आम सहमति से प्रोफेसर कुरियन का उपयुक्त विकल्प ढूंढेंगी क्योंकि नये उपसभापति को चुनने के लिये शीघ्र चुनाव होगा। ’’
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में नायडू ने कहा कि उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से बातचीत की है और उन्हें पद के लिये आम सहमति से उम्मीदवार चुनने का सुझाव दिया है। नायडू ने कहा , ‘‘ प्रोफेसर पी जे कुरियन महत्वपूर्ण साथी रहे हैं और मैं निश्चित तौर पर उनकी कमी महसूस करूंगा। उन्होंने उत्साह के साथ कार्यवाही का संचालन किया। हमेशा सदस्यों से संसद के सुचारू रूप से काम करने के लिये आम सहमति बनाने का अनुरोध किया। वह मुश्किल परिस्थितियों से निपटने में विशेषज्ञ हैं। ’’
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज दुनियाभर में भारतीय मिशनों के प्रमुखों से ‘‘ वर्तमान वैश्विक व्यवस्था में अशांति के स्पष्ट संकेतों ’’ के बीच देश के हितों की रक्षा करने के लिये ‘‘ मुस्तैद एवं सतर्क ’’ रहने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूतों को ध्यानपूर्वक रणनीतिक कूटनीतिक प्रतिक्रिया के जरिये वैश्विक स्थिति को प्रभावित करने के लिये भारत की नैतिक एवं वस्तुगत मजबूतियों का लाभ उठाना चाहिये।
नायडू विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर की उपस्थिति में अपने आधिकारिक आवास पर 125 से अधिक भारतीय राजदूतों को संबोधित कर रहे थे। इस बीच , नायडू ने संरक्षणवाद फिर से वापस लाने वालों को आड़े हाथ लेते हुये कहा कि एकीकृत वैश्विक व्यवस्था की जरूरत के बावजूद , वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त आवागमन में बाधा उत्पन्न करने के लिये नयी ‘ दीवारें ’ खड़ी की जा रही हैं। नायडू ने अमेरिका के परोक्ष संदर्भ में यह बयान दिया।